सूरजमुखी की खेती पूरी जानकारी| surajmukhi kheti puri jankari
सूरजमुखी की खेती पूरी जानकारी| surajmukhi kheti puri jankari
टाइमिंग|
सबसे पहले बात करते हैं टाइमिंग तो सूरजमुखी की खेती में से तो तीनों मौसम पर खेती की जा सकती है खरीफ सीजन जुलाई से अगस्त रवि सीजन अक्टूबर से नवंबर और जायद सीजन जनवरी से लेकर फरवरी के आसपास हमारे किसान भाई बुवाई कर सकते हैं 15 फरवरी के आसपास काफी उपयुक्त और 15 फरवरी के आसपास आपको सूरजमुखी कर देनी चाहिए आप जैसे चने की फसल है सरसों की फसल है|
जलवायु और टेंपरेचर |
जलवायु और टेंपरेचर के ऊपर बात करते हैं पर बात करें तो सूरजमुखी की फसल शुष्क जलवायु की ग्रुप है और टेंपरेचर के ऊपर बात करें तो मिनिमम टेंपरेचर 15 16 डिग्रीस सेल्सियस और अधिकतम 25 से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान दोस्तों चल जाता है|
अनुकूल राज्यों पर दोस्तों बात करेंगे सूरजमुखी की खेती कहां पर सबसे ज्यादा उत्पादन होता है|
तो प्रमुख रूप से महाराष्ट्र कर्नाटक उत्तर प्रदेश आंध्र प्रदेश तमिलनाडु हरियाणा पंजाब के साथ-साथ मध्य प्रदेश पर भी सूर्यमुखी की दोस्तों की जाती है |
भूमि और खेत की तैयारी|
भूमि और खेत की तैयारी के ऊपर बात करें तो सूरजमुखी के ऊपर भी हम बात कर लेते हैं सूरजमुखी कि जो फसल है यह एक बेहतरीन मुनाफा देने वाली नगदी फसल की फरवरी-मार्च पर बेहतरीन समय यदि आप खेती करना चाहते हैं यह एक फसल है और तिलहनी फसलों की तैयारी कर रहे हो तो सालों का उपयोग जरूर करना चाहिए |
भूमि|
भूमि वालों में हल्की माध्यम भूमि और चिकनी दोनों पीली भूमि काली दोमट भूमि काफी उपयुक्त है तो चल जाती है यदि ऐसा है तो फिर आप दो बार रिंग जुताई कर आना है और मिट्टी को भुरभुरी कराने वाले यंत्रों की मदद से आपको ठीक तरीके से मिट्टी को बुरी करा लेना है और मिट्टी जितनी ज्यादा मोर गोरी होगी उतनी ही अच्छी हमको जर्मनी और अंकुरण देखने के लिए मिलने वाला खेत के चारों साइड साफ-सफाई तार बंदी हो ना बहुत ज्यादा जरूरी है तो इस प्रकार खेत की आपको तैयारी करना चाहिए |
जल निकास|
उत्तम जल निकास का प्रबंध होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है यदि आप सूरजमुखी की खेती कर रहे 1 एकड़ खेती कर रहे हैं जानकारी कैसे हैं दो प्रकार की वैरायटी होती है |
तो संकुल प्रजाति किस में और दूसरी हाइब्रिड किस्में तो यदि आप संकर प्रजाति किस मुकुल लगा रहे हैं तो 4 किलोग्राम से लेकर अधिकतम 6 किलोग्राम स्वीट्स की आवश्यकता पड़ने वाली एक ही काल में हाइब्रिड शंकर जो किसमें होती हैं 2 किलोग्राम से लेकर 3 किलोग्राम सीट्स की आवश्यकता पड़ने वाली है|
उन्नतशील किस्म|
दोस्तों आइए बात करते हैं उन्नतशील केस में तो संकुल प्रजाति किस में जैसे खासकर संकर प्रजाति मॉडर्न के नाम से आती है संकुल प्रजाति सूर्या और वही हाइब्रिड के ऊपर बात करें तो संकर प्रजाति की sh1 संकर प्रजाति के नाम से आती संकर प्रजाति की और वैरायटी का दोस्तों चुनाव और सिलेक्शन कर सकते 5 वैरायटी के नाम दोस्तों जो हमने आप को बतलाए वैरायटी का दोस्तों जो उत्पादन है जो खासियत है 12 आदित्य प्रोडक्शन यदी प्राप्त होती है और इन वैरायटी पर काम रोग बीमारी का प्रकोप देखने के लिए मिलता है |
बाकी आप अपने राज्य क्लाइमेट कंडीशन किया था आपसे उन्नतशील किस्मों का चुनाव और सिलेक्शन कर सकते हैं ट्रीटमेंट बीज उपचार करना बहुत ज्यादा जरूरी हैनजम 63 परसेंट जैसी डब्ल्यूबी फंगीसाइड आदि 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से आपको उपचार करना चाहिए फिर उसके बाद आपको मोबाइल करनी चाहिए |
बेड विधि|
आप चाहे तो बेड विधि से अभी आप सूरजमुखी की खेती कर सकते हैं वेट ब्रिज यदि आप खेती करते हैं तो फिर जड़ों का और भी अच्छा विकास होता है और पौधा अच्छी बार बार लेता है तो बेड बेड की दूरी 2 फीट की चौड़ाई डेढ़ फीट की ऊंचाई आधा फिर से लेकर 1 फीट आप रख सकते है |
खाद का प्रयोग|
तो उस समय कौन-कौन सी खाद का प्रयोग करना चाहिए जिससे ज्यादा पैदावार देखने के लिए तो सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर गोबर तो ट्रॉली आपको प्रयोग तो दोस्तों करना ही करना है और यदि उसको भी आप एक ट्रॉली इस्तेमाल कर सकते हैं तो इन सभी को मिक्स करना है और जब बुवाई कर रहे हो तो उस समय आपको प्रयोग करना चाहिए |
प्लांट डिस्टेंस|
प्रति एकड़ की दर से प्लांट डिस्टेंस के ऊपर बात करते हैं क्योंकि अल्ट्रा हाई डेंसिटी पर भी आपको बुवाई नहीं करनी चाहिए घनत्व ना रहे तो कितनी दूरी पर हमको खेती करनी चाहिए बुवाई करनी चाहिए तो पंक्ति पंक्ति की दूरी 45 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की सीट से सीट की दूरी आपको 15 से 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए |
गहराइयों पर बात करें|
डेप्ट गहराइयों पर बात करें कि आपको तीन से चार सेंटीमीटर गहराई पर आपको बीज की बुवाई दोस्तों करनी चाहिए सिंचाई सूरजमुखी की फसल की सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है सिंचाई 20 से 25 दिनों की मध्य एवं दूसरी जोशी चाहिए आपको 15 से 20 दिनों के अंतराल पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करनी चाहिए 34 सिंचाई पर या फसल दोस्तों तैयार हो जाती है बुवाई यानी शोइंग के ऊपर बात करें तो इसकी भी अलग-अलग बेटियां हैं ज्यादातर ब्रॉडकास्ट और शीतल विधि को अपनाया जाता है आप चाहे तो जैसे चने की बुवाई करते हैं या फिर सोयाबीन की बुवाई करते हैं तो सैंडल विधि से आप को करनी चाहिए सिडेल मेथड से ही आपको बुवाई करनी चाहिए |
बुवाई|
और आपकी मदद से आप हाथों से ही बुआई कर सकते हैं सिर में थर्ड काफी ज्यादा पॉपुलर और काफी ज्यादा आसान है कम खर्च पर बुवाई हो जा दी है खरपतवार की रोकथाम के ऊपर दोस्त बात करते हैं बहुत ज्यादा जरूरी है आप चाहे तोफुल कर के प्रति एकड़ की दर से आपको स्प्रे करना चाहिए बुवाई के तुरंत बाद बाकी निराई गुड़ाई सबसे बेस्ट ऑप्शन है उसके बाद दोस्तों बात करते हैं मिट्टी आपको जरूर चलाना चाहिए अभी टॉप ड्रेसिंग क्यों पर बात करते हैं मिट्टी चढ़ाने से क्योंकि आपको पता है कि जो सूरजमुखी का पौधा होता है |
हाइट|
इसकी थोड़ा ज्यादा हाइट हो जाने से ज्यादा कमजोर होने से पौधे या फिर जो फसल होती है वह गिरने की संभावना भी बढ़ जाती है तो मिट्टी चढ़ाने से काफी ज्यादा मजबूती आती है तो टॉप ड्रेसिंग करना बहुत ज्यादा जरूरी है फसल गिरने से जो भी है वह प्रभावित होती है और पैदावार घट जाती है तो मिट्टी को कम से कम एक से दोबारा को जड़ों के पास ठीक तरीके से अपनी मिट्टी को जरूर आनी चाहिए वह मजबूत होता है और ज्यादा से ज्यादा दोस्तों पैदावार देखने के लिए मिलती है तो आप चाहें तो यदि आप वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे हैं आप लगा सकते हैं जिनको भी लगाया जा सकता है कि आप लगाते हैं तो बहुत ही कम होने वाला है|
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