Sunday, 18 December 2022

मूली की खेती कैसे की जाती है Muli ki kheti Puri jankari

 मूली की खेती कैसे की जाती है Muli ki kheti Puri jankari



अनुकूल समय

मूली की वैज्ञानिक खेती सर्वप्रथम बात करते हैं अनुकूल समय सबसे पहले जानना आपके लिए जरूरी है कि मूली की खेती करने के लिए  उचित समय कौन सा है मूली की खेती आपत्ति सीजन पर कर सकते हैं खरीफ सीजन रबी सीजन और जायद का सीजन खरीफ सीजन पर आप मई से लेकर अगस्त के मध्य अप्लाई कर सकते हैं खरीद पर सितंबर से लेकर दिसंबर के मध्य वर्ग के लिए जनवरी से लेकर अप्रैल के मध्य अप्लाई कर सकते हैं क्योंकि अक्टूबर-नवंबर पर आप मूली की बुवाई करते हैं तो फसल भी बना स्त्री पर आ जाती है लेकिन उतना अच्छा हमको बाजार भाग देखने के लिए नहीं मिल पाता है तो आप अगस्त महीने पर यदि मूली की खेती करते हैं तो अभी बाजार भाव अच्छा मिलेगा इसके अलावा अप्रैल महीने पर भी आप बुवाई करते हैं तो भी आपको अच्छा रेट मिलने वाला है बाकी आ मई से अगस्त सितंबर से दिसंबर और जनवरी से अप्रैल के मध्य कभी भी कर सकते हैं लेकिन अगस्त महीना और अप्रैल महीने पर आप बुवाई करते तो काफी अच्छा मार्केटिंग रेट देखने के लिए मिलता है|



उपयुक्त भूमि

उपयुक्त भूमि यान इस सूटेबल सवल की खेती काली मिट्टी काली दोमट रेतीली दोमट पीली मिट्टी माध्यम भूमि के साथ साथ भारी भूमि उत्तम जल निकास का प्रबंध होना बहुत ही जरूरी है और मिट्टी की पीएच वैल्यू 5.5 से लेकर 7 पॉइंट 5 तक चल जाती है यह जो पीएच वैल्यू है काफी सूटेबल मानी जाती है और जो आप की भूमि है जलभराव ना हो उत्तम जल निकास का प्रबंध होना बहुत ही जरूरी है बाकी आप काली मिट्टी काली पीली भूमि पर भी उत्पादन निकाल सकते हैं मिनिमम टेंपरेचर है 15 से 16 डिग्री सेल्सियस और 32 डिग्री टेंपरेचर है काफी अनुकूल माना जाता है |


खेत की तैयारी हरियानी फार्म प्रिपरेशन तो खेत की तैयारी मूली क्रोम के लिए किस प्रकार करना है आइए समझते हैं सर्वप्रथम मीडियम गहराई में चलने वाले जैसे कल्टीवेटर है 10 फीट है या फिर तो तल से आपको पहली और दूसरी आपको लविंग कराना है जुदाई कराना है और अंतिम जुताई में पाठ लगाकर एकदम खेत को समतल करा लेना है या फिर रोटावेटर से मिट्टी को पूरी करा लेना है खेत में जलन का की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए और खेत के चारों तरफ एकदम साफ सफाई होना बहुत ही जरूरी है तो इस प्रकार आप खेत की तैयारी कर सकते हैं और आप अंतिम जुताई के समय देसी खाद गोबर की खाद है खाद है या फिर केंचुआ खाद का प्रयोग कर सकते हैं|



उन्नत सील किस्म

 जिन का उत्पादन काफी अच्छा है और आप इन वैरायटी को भी लगा सकते हैं सिंजीनता कंपनी की आई वेरी वाइड आती है इसके अलावा माही को कि माही 202 आती है इसके अलावा रेट्स दुलारी बनाती है जिसका जो पता है पालक पत्ता वाली है वैरायटी है एंड पक्का एकदम चिकना होता है एकदम सरफेस होता है इसके अलावा पूजा है मानी है जापानी वाइट जैसी वैरायटी का सिलेक्शन ऑफ कर सकते हैं और क्या इससे पहले आपने मूली की खेती की है और की है तो अधिकतम आपने प्रोडक्शन कितना निकाला है और कौन सी वेराइटी को आप ने लगाया है इन वैरायटी का चुनाव कर सकते हैं कर सकते हैं स्पेशल सिजेंटा कंपनी की और माही ओ माही काफी अच्छी है|


प्रति एकड़ सीटस

प्रति एकड़ सीटस यदि आप एक एकड़ पर मूली की खेती कर रहे हैं तो लगभग डेढ़ किलोग्राम से लेकर 2 किलोग्राम के आसपास चीट्स की आवश्यकता पड़ती है यदि आप डिस्टेंस कम और ज्यादा करते हैं तो सीट्स की जो रिक्वायरमेंट है सीट की आवश्यकता है क्वांटिटी कम और ज्यादा भी हो सकती है बाकी आप तो किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से अधिक बुआई करते हैं तो प्रोडक्शन काफी अच्छा मिलने वाला है|



 बीज उपचार

 बीज उपचार यानी सीट्स ट्रीटमेंट दो हाइब्रिड बीज का यदि आपने सिलेक्शन किया है तो बीज उपचार करने की आवश्यकता नहीं है यदि आप देसी घर का बीज लगा रहे हैं तो इसके लिए आप बीज उपचार जरूर करिए इसके लिए आप कार्बेंडाजिम 12 परसेंट प्लस मैनकोज़ेब 63 परसेंट को प्रति किलोग्राम भी जब कोई हिसाब से आप 5 ग्राम की दर से बीज उपचार करके आप बुवाई कर सकते हैं|



 वेसल डोज मूली की खेती विधि सहित भी चाहिए और जो आप बैठ के ऊपर खाद देंगे बुवाई के समय उखाड़ देंगे उसे हम 20 लोग कहते हैं 20 साल डोज के रूप में आप मूली की क्रॉप पर फास्फोरस और पोटाश अखाड़ों का ज्यादा प्रयोग करें क्योंकि यह कंद वर्गी क्रॉप से तो डीएपी 30 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक खाद पाउडर फॉर्म वाली 100 किलोग्राम म्यूरेट आफ पोटाश m.o.p. पोटाश टैक्स किलोग्राम और दिमाग की समस्या आती है तो इसके लिए जैसे वायर कंपनी की रिजल्ट जी और 0.3% दानेदार इंसेक्टिसाइड आती है 5 किलोग्राम से लेकर 10 किलोग्राम इन सभी को मिक्स करके आप प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए|


 बेड तैयार

बैड तैयार परंपरागत तरीके से झटका विधि से सीधी बुवाई करते हैं तो उससे उतना अच्छा कंधों का विकास उतना अच्छा मूली का साइज नहीं आ पाता है और मूली की लंबाई भी प्रॉपर आए और चमक साइनिंग भी आए और काफी अच्छी इन प्राप्त हो तो मूली की खेती वेट विधि से ही आपको करना चाहिए मूली की खेती वर्ड विधि से ही करनी चाहिए तो बेड किस प्रकार तैयार करना है वेद में क्या सब एडवाइजर अंदर से कुछ इस प्रकार वेदों को तैयार करना चाहिए तो बेड की चौड़ाई दूरी उचाई कितनी रखनी चाहिए आइए सरल और आसान शब्दों में समझते हैं तो बैठ कि आपको चौड़ाई लगभग लगभग ढाई फीट रखनी है वेट से वेट की दूरी ढाई फीट आपको रखनी है और वेट की ऊंचाई लगभग लगभग 1 फीट रख सकते हैं इस प्रकार आपको वेट तैयार करा लेना है|



ड्रिप अलर्केसन  मूली की खेती में कितने एमएम की आपको ट्रैप इन लाइन बिछाना चाहिए तो मूल की क्रॉप के लिए एकदम वेजिटेबल क्रॉप्स है तो 16 एमएम इनलाइन ड्रिप इरिगेशन मूल क्रॉप के लिए उपयुक्त है|


 प्लांट डिस्टेंस

 प्लांट डिस्टेंस जो कि सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है जरूरी भी है और मैथ पूर्ण है तो हम बात कर रहे हैं वह विधि से मूली की खेती किस प्रकार की जाती है एक बेड में आपको 49 यानी जालान यह पेज पर आपको बुवाई करनी है और बीच से बीच की दूरी 405 सेंटीमीटर विच की गहराई दिल से लेकर 2 सेंटीमीटर आपको रखनी चाहिए मल्टी सीटर हाथों से भी आप बुवाई कर सकते हैं लेकिन निश्चित दूरी पर ही आपको बुवाई करनी चाहिए इस प्रकार आपको बेड विधि से इस प्रकार एक बेड पर आपको चार लाइन की बुवाई करनी है फिर दूसरी बेड पर बैठ से बैठकर दूरी ढाई फीट दूसरी बेड पर तीन से चार लाइन की बुवाई आप कर सकते हैं और एक बुलेट पर आपको सिंगल लाइन ड्रिप इरिगेशन को जाना है 16 एमएम यानी मूली की खेती कर रहे हैं आवश्यकता नहीं रहती है क्योंकि बरसात होती है आप गर्मियों के दिनों पर कर रहे हैं सर्दियों के दिनों पर कर रहे और ड्रग्स कर रहे हैं तो तीन-चार दिनों के अंतराल पर आप दो से ढाई घंटे चला सकते हैं लेकिन स्प्रिंकलर खेती कर रहे हैं तो आप स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए 5 से 6 दिनों के अंतराल पर आप प्रॉपर सिंचाई करना चाहिए थोड़ी सी जल्दी जल्दी जाएगी और गाली दो मैनेजमेंट को सुधार पाएंगे फसल के हिसाब से ही मिट्टी के हिसाब से ही आपको सिंचाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए|



खरपतवार की रोकथाम

खरपतवार नियंत्रण यानी खरपतवार की रोकथाम मूली की फसल पर जहां तक संभव हो तो फसल पर निराई गुड़ाई कराना चाहिए असल में खरपतवार मुक्त फसल को रखना चाहिए यदि आप निराई गुड़ाई विधि से खरपतवार को नष्ट करते हैं तो लागत भी एकदम कम लगेगी और फसल में कोई झटका नहीं आएगा सबसे बड़ी बात यह है यदि आप कोई खरपतवार नाशक एस्प्ले करेंगे तो इससे क्या मतलब है माइनस पॉइंट है फसल पीली पड़ेगी और फसल को नुकसान भी होगा उपज में प्रत्यक्ष रुप से रिजल्ट फॉर प्रोडक्शन कम हो जाएगा तो जहां तक हो सके तो खरपतवार नाशक का छिड़काव नहीं करें तो ज्यादा बैटर है निराई गुड़ाई पर विशेष ध्यान रखते हैं यदि मजदूर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं और आपने कर दी है उसके बाद तीस परसेंट 200 लीटर पानी में घोलकर एडजस्ट कर दीजिए दो-तीन घंटे के अंदर का  कर सकते से खरपतवार का जवाब नहीं होता है लेकिन खरपतवार नाशक के लिए रेकमेंडेड बिल्कुल भी नहीं करेंगे तो आप मजदूरों की सहायता से हेल्प सही निराई गुड़ाई  करवाए|



स्प्रे शेड्यूल 

इससे ज्ञानी कीट प्रबंधन लगने वाले मूली की फसल पर की और उनका समय रहते हम कैसे इलाज कर सकते हैं तो इस आर्टिकल पर बनी रहे होता है तो ग्रुप से एपिटस जैसे ड्रेप्स इसके अलावा क्विटल का प्रकोप देखने के लिए मिलता है है रास्ता बुलाए एंथ्रेक्नोज बोल बम का प्रकोप देखने के लिए मिलता है का प्रकोप देखने के लिए मिलता है इसके अलावा छतिग्रस्त करते हैं और जलन की समस्या आती है लाल कद्दू मीटर की भी कभी-कभी समस्या देखने के लिए मिलती है तो यदि आप सीजन पर मूली की खेती करते हैं तो इस फसल पर कोई ज्यादा कीट पतंगे तो नहीं आती हैं लेकिन थोड़ा सा ऑक्सीजन कर रहे हैं हाई टेंपरेचर पर कर रहे हैं गर्मियों के दिनों पर कर रहे हैं या फिर बरसात ही दिनों पर कर रहे हैं तो बच्चों को खाने वाली अलवर मिली है और हरी सेमिलूपर का प्रकोप देखने के लिए मिलता है और साथ ही प्रकार के कीड़ों का प्रकोप देखने के लिए मिलता है और क्वालिटी को तो खराब कर ही देते हैं बल्कि रूप से भी काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं तो इस पर हम आपको बताने वाले हैं ध्यान दें यदि मूली की फसल पर कोई रोग बीमारी डिजीज खराब करने वाले कीड़ों का प्रकोप है तभी आप कुछ करना है सीजन पर मूली की खेती करने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैपोषक सुपर आती है पोषक सुपर क्या है|


 पूर्ण संत सुपर प्रकार की प्लांट ग्रोथ प्रमोटर है जो की फसल में बढ़वार में काफी ज्यादा हेल्प करती है वह शख्स पर 25ml लेना है और m45 फंगीसाइड जो कि मैं तुझे 75 परसेंट है 40 ग्राम लेना है और इन दोनों तीनों को मिक्स करके 15 लीटर पानी में घोलकर कि आपको छिड़काव कर देना है इसके अलावा सेकंड स्क्री जब हमारी लगभग मूली की फसल 35 से 40 दिन के आसपास की होती है तो वायर कंपनी की सुलेमान इंसेक्टिसाइड जिसमें इमिडाक्लोप्रिड और चीन का कॉन्बिनेशन है जो कि हारी और रक्षक बिष्ट को कंट्रोल करने वाली इंसेक्टिसाइड है 12ml लेना है और सिजेंटा कंपनी गोल्ड 15 ग्राम लेना है इन सभी को पानी में घोलकर स्प्रे कर देना है|


मूली की फसल पर केवल स्प्रे को आपको करना है कब करना है यदि की रोग बीमारी का प्रकोप देखने के लिए मिल रहा है तो ही आप स्प्रे पर पैसे खर्च करें और प्रॉपर ऑफिस प्ले करें तो आवश्यकता अनुसार ही आपको इसलिए करना चाहिए आइए बात करते हैं |



खाद का शेड्यूल

खाद का शेड्यूल यानी फर्टिगेशन जो किसान भाई इरीगेशन सर्फर साधारण तरीके से खेती कर रहे ट्रक नहीं लगाई है तो पिक किसान भाई जावेद लगभग लगाऊंगी क्रॉप 25-30 दिन की आस पास की होती है तो लगभग आपको यूरिया और ब्रह्मा 30 किलोग्राम जिंक सल्फेट 5 किलोग्राम और को कंपनी की सालगिरह का दानेदार सिविल स्ट्रेच्ड 8 किलोग्राम इन तीनों को मिक्स करके प्रति एकड़ की दर से पास देख कर आप से जारी कर दीजिए एक कॉन्बिनेशन आपको देना है और यदि आप ड्रिप इरिगेशन मूली की खेती कर रहे हैं जो कि हम आपको रहे हैं आप करके देखिए और काफी अच्छी होगी और काफी लंबे समय तक आप मूल्य तो यदि आप खेती कर रहे हैं|


 तो 10 दिन से लेकर 30 दिनों के 102 गुरुग्राम में और चार चार दिनों के अंतराल आपको रखना है इसके अलावा 50 दिनों की मौत 24 दिन से लेकर 4 दिनों के अंतराल पर चार-पांच दिनों के अंतराल पर आप 4 किलोग्राम किलोग्राम किलोग्राम बोल सकते हैं यह तो बात हो गई खांसी नहीं जो किसान भाई परंपरागत तरीके से फंस साधारण तरीके से खेती करते हैं तो खाद किस प्रकार देनी है और जो किसान भाई ग्रुप से खेती कर रहे हैं तो वे किसान बालिबल खादों का प्रयोग कर सकते हैं जो कि हमने आर्टिकल के माध्यम से ऐसे खातों के बारे में जानकारी दी है |



लाइफ साइकिल

मूली की शुक्रवार में देसी आगरे में बुवाई की है लगभग 55 से 60 दिनों बाद एकदम तैयार हो जाती है एकदम 57 दिन की यह टोटल फसल है और नेक्स्ट टॉपिक पर बात करते हैं उत्पादन तो यदि जो हमने तरीका बताया क्यों हमने मेथड बताइए विधि से यदि आप मूली की खेती करते हैं तो यकीनन 100 से लेकर 115 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से आवाज निकाल सकते हैं प्रोडक्शन निकाल सकते हैं प्रति एकड़ की दर से बात कर लेते हैं |


लागत तो तभी लागत है चार बीच का खर्च होगा का खर्च खर्च खर्च हो या कोई अन्य द एक्सपेंशन लगभग सभी एक्सप्रेस खर्चे को जोड़कर भी लगभग  घोस्ट आने वाली ₹18000 से लेकर ₹19000 के आसपास प्रति एकड़ का खर्च आता है|


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