आलू की खेती कैसे की जाती है Aalu ki kheti Puri jankari
आलू की खेती कैसे की जाती है| Aalu ki kheti Puri jankari
बुवाई का सही समय
बुवाई का सही समय तो आपको पता होगा जो आलू की खेती है पोटैटो फार्मिंग है पूरे भारत में जहां पहाड़ी इलाके में मैदानी इलाके में सभी प्रकार के चित्र पर आलू को सफलतापूर्वक दोस्तों उगाया जा सकता है चाहो हिमाचल प्रदेश यूपी पंजाब हरियाणा उड़ीसा और बिहार सरकार की जो राज्य सरकार की खेती कर सकते हैं तो आलू की बुवाई चालू हो जाती है और आलू की बुवाई सितंबर मध्य से लेकर दिसंबर एंड तक चलती है यानी नॉर्थ इंडिया से जो ठंडाना स्टार्ट हो जाती है तो नॉर्थ इंडिया से बुवाई स्टार्ट हो जाती है जैसे हिमांचल है पंजाब हरियाणा है तो इन लबों पर सनम अक्टूबर पर दोस्तों आई हो जाती है तो नॉर्थ इंडिया से सोएंगे स्टार्ट होती है और साउथ इंडिया ताकि मतलब जैसी जैसी ठंड बढ़ती जाती है उस प्रकार बुवाई मतलब दिसंबर एंड तक हवाई मानी जाती है लेकिन इसके लिए जो समय है अक्टूबर और नवंबर का काफी समय दोस्तों माना जाता है|
भूमि
तो आपको पता है कि आलू की खेती सैंडी सॉइल होती है उस पर काफी बढ़िया उत्पादन पालन देखने के लिए मिलता है लेकिन काली मिट्टी काली दोमट चिकनी दोमट है पीली भूमि है रे तेरी दोमट भूमि पर काफी अच्छा उत्पादन देखने के लिए मिलता है बस दोस्तों मेल बाकी पीएच वैल्यू 5.5 से लेकर सिक्स पॉइंट 5 तक चल जाती है और यदि है 7:30 से ऊपर है तो 50 किलोग्राम प्रयोग करना है साल भर काम करती है और सल्फर का सस्ती पर यदि आपको इस्तेमाल करना है बुवाई के समय तो जिप्सम बहुत ही बढ़िया ऑप्शन माना जाता है |
टेंपरेचर
और टेंपरेचर के ऊपर बात कर ले तो आलू की फसल पर तू टेंपरेचर है 15 से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तक का टेंपरेचर काफी अनुकूल और उचित माना जाता है लेकिन जब कंधों का विकास हो रहा हो तो 15 से लेकर 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होता है तो आलू की फसल पर बहुत बढ़िया वार है वह देखने के लिए मिलती है |
खेत की तैयारी
और खेत की तैयारी किस प्रकार करना चाहिए बहुत ही जरूरी है इसलिए जरूरी है आलू की फसल पर जवाब भवानी करेंगे तो मिट्टी जितनी ज्यादा भुरभुरी होगी उतनी ही अच्छी अंकुरण और जरूर देखने के लिए मिलेगा खेत की तैयारी आपको एक से दो बार कल्टीवेटर से आपको प्लोविंग कराना है और आप यह रिश्ते पर उपलब्ध है तो तीन से चार ट्रॉली गोबर मिट्टी को पूरी करा लीजिए और खेत वाट लगा ताकत खेत को एकदम दोस्तों संभाल करा लीजिए |
उन्नत सील किस्म
उन्नत सील किस्म आते रहते हैं कि आप आलू की ऐसी वैरायटी बतलाइए जिनका उपाध्य उत्पादन काफी अच्छा हो तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको उन्हें वैरायटी के बारे में जिक्र करने वाले हैं बस लाने वाले हैं जिनका उपाय और उत्पादन काफी अच्छा है दोस्तों भारत भाड़ में बहुत सारी वैरायटी आलू की पोटैटो की किस में मौजूद है लेकिन जिन का उत्पादन अच्छा हो जैसे कोई ऐसी वैरायटी जिसका उत्पादन 160 180 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से पैदावार होती है उन्हीं वैरायटी का हमने इस आर्टिकल के माध्यम से चुनाव और सलेक्शन किया है जो कि कुछ इस प्रकार हैं आप इस प्रकार समझ सकते हैं कुफरी पुखराज जो कि 70 से 90 दिन की वैरायटी है|
इसके अलावा कोपरी बादशाह है जो कि 100 से 110 दिन को परीक्षा दी है जो कि 70 से 90 दिन और को फ्री हैंड सोना है दोस्तों 90 से 110 दिन में तैयार हो जाती है और वही एल आर लेडी रोजेटा के नाम से आती है यह जो वैरायटी है यह भी काफी बढ़िया वैरायटी 110 दिन की वैरायटी है और चिप सोना 1 और चिप सोना तीन जो वैरायटी है 90 से लेकर 110 दिन में तैयार दोस्तों को जाती है कुछ इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि अली मेच्योरिटी बैराठी पुखराज और ख्याति है लेट मराठी भाषा और और तो हमने जो 5_6 वैरायटी के नाम तो बतलाए हैं काम समय पर अच्छी पैदावार देने वाली कौन सी वेराइटी हैं तो उन पर नाम आता है कुकरी फ्री पुखराज सबसे ऊपर बादशाह उतरी पुखराज हम तो सबसे व्यस्त जो मानते हैं कुफरी पोखराज काफी बढ़िया उत्पादन देने वाली किस्मों में से एक है इसलिए क्योंकि यह वैरायटी लगभग लगभग 50 से 90 दिनों में तैयार दोस्तों हो जाती है अभी कम समय में और भी अच्छी है तो कोई पुखराज काफी वैरायटी है इस आलू की बुवाई करेंगे |
सीट्स
नेगी के गढ़वाली जी और 1 एकड़ में दोस्तों 43560 स्क्वायर फिट होते हैं तो हम आपको जानकारी पर एक कॉल से दे रहे हैं ना कि बीघा के हिसाब से तो एक ही काल में 14 सालों की आवश्यकता |
बीज उपचार
बीज उपचार आपको किस प्रकार करना है बीज उपचार करने से पहले आपको यह बात समझ नहीं होगी यदि आप बापतला पर आलू को आप काटकर लगा रहे हैं तो अभी आपको उपचार करना है लेकिन आलू बड़ा साइज है तो आप इस प्रकार समझ सकते हैं दोस्तों की 25 से 30 ग्राम 30 ग्राम के तो खुले काट लेना या नहीं आलू का साइज बड़ा है आलू को आप ले कर आइए सबसे पहले और आलू को आप को 30-30 ग्राम के टुकड़े काट लेना है अभी बड़े आदमी हैं उनको इस पे करना है आपको जैसे भी यह सब कंपनी की जेल और अपनी साइट आदि दोस्तों तो इससे आपको एक काम करना है कि 1 लीटर में एक ईमेल की दर से यानी 15 लीटर पानी ले आना है आपको और 30ml 15 से लेकर 30ml जेलोरा फंगीसाइड को ठीक तरीके से खोल लेना है और जो आपने आलू को काट कर रखा वहां पर आपको इस प्रकार देना है इस प्रकार आप इस पर कर दीजिए और आपको ऐसा नहीं कि आप आए आपने आलू की कटिंग करीबी जो सबसे पहले आपको आना है और करना है आज बड़ा है उसके बाद दोस्तों को जिससे 125 यानी जो आप आर्टिकल पर देख रहा है इस प्रकार अंकुर आ जाएं इस प्रकार आपको जब यह जो ट्यूबर है एक जो तो क्लांस पर एक से दो आंख 102 अंकुर होना बहुत ही जरूरी है तो इस प्रकार आपको बीज उपचार करना चाहिए जेलोरा फंगीसाइड ही बढ़िया है और किस आप सभी का बीज उपचार कर सकते हैं उनको डुबोकर बजाए आप एक काम कर सकते हैं कि उनको पंप में आप स्प्रे कर सकते फंगीसाइड को अब अगले टॉपिक के ऊपर दोस्तों बात करते हैं |
खाद
बुवाई के समय खाद यानी वेसल डोज की बढ़िया हो तो आप इस प्रकार समझ सकते दोस्तों की जब आप खेत की तैयारी कर रहे हो तो उस समय आप एक काम कर सकते हैं कि एनपीके 12 32 16 डेढ़ सौ किलोग्राम यानी तीन बैग आपको के कारण प्रयोग करना है या फिर इस प्रकार समझ लीजिए एनपीके 12 32 16 नहीं है तो डीएपी 100 किलोग्राम 100 किलोग्राम 8 किलोग्राम और राम को भी पाप मिक्स करके एक ही कारण प्रयोग कर सकते हैं या फिर आप एनपीके 12 32 16 मतलब 3 बैग 300 किलो ए के कारण प्रयोग कर सकते हैं दोनों ही कॉन्बिनेशन तो पता ही है कि सबसे ज्यादा खाद की जरूरत यदि कोई ऐसी फसल है जिसमें सबसे ज्यादा न्यू कुरियन की आवश्यकता पड़ती है सबसे ज्यादा पोटाश और फास्फोरस की आवश्यकता पड़ती है तो वह दोस्तों आलू ही होता वो इसलिए क्योंकि आलू की फसल पर कुछ ज्यादा ही नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की आवश्यकता होती है और पूर्ति भी करनी पड़ती है|
और आपको तो पता ही होगा कि हम एक दो बार आलू खेती करते हैं और यदि हम को तीसरी फसल लगाना है आलू के बाद यह दलहनी फसलों को लगाना है तो उन पर हम भी सेल्टोज के रूप में खाद नहीं देते हैं तो फसल पर पैदावार आ जाती है इसलिए आलू की फसल पर कुछ ज्यादा ही न्यू ट्रेन की पोती दोस्तों करनी पड़ती है दोस्तों बात करते हैं बाय एंड प्लांट डिस्टेंस एंड अलग-अलग जो भी उनके बारे में चर्चा करते हैं ऑटोमेटिक प्लांट आता है और साथ ही आता है और जाती है ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर का ही प्रयोग किया जाता है वही सेमी ऑटोमेटिक प्लांट का भी प्रयोग दोस्तों किया जाता है सेमी ऑटोमेटिक प्लांट में तीन से चार लीवर की आवश्यकता पड़ती है मतलब आलू को अलग-अलग कहां छुपाते के कालू का मतलब हम ठीक तरीके से फोन पर सेट करके स्विंग कर सकते हैं और जो ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर होता है ऑटोमेटिक दोस्तों खा जाता है और आलू की बुवाई का जाता है कुछ इस प्रकार जो कि आप आर्टिकल पर देख रहे हैं और हां से की जाती है लेकिन आपको कोई भी व्हाट्सएप करें |
बेड विधि
आपको बेड विधि से ही आपको आलू की खेती करना चाहिए इससे कंधों का काफी अच्छा विकास होता है यदि आप बेड विधि से वर्ग तैयार कर रहे हैं तो बेड की दूरी कितनी रखनी चाहिए ऊंचाई वेट की चौड़ाई आप को डाइवर्ट रखनी है व्हाट्सएप की दूरी टाइफाइड और वेट की ऊंचाई आपको एक से दो फिर आपको रखनी चाहिए प्लांट डिस्टेंस तो पौधे से पौधे की दूरी आनी युवती व की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर लाइन से लाइन की दूरी 45 सेंटीमीटर और डेप्ट गहराई की बारे में बात करें तो 6 से 7 सेंटीमीटर गहराई पर आपको आलू की बुवाई करनी चाहिए दोस्तों जो सेमी ऑटोमेटिक प्लांट होता है या फिर ऑटोमेटिक प्लांट होता है जाता है जो कि काफी अच्छा ऑप्शन माना जाता है और हमारे किसान भाई इसी प्रकार आलू की बुवाई करते हैं और यदि उपलब्ध नहीं है पोटैटो प्लांटर तो आप हाथों से या फिर एडमिन कर बैठना इससे आप तैयार करके बैठो आप आलू को लगा सकते हैं दोस्तों आपको एक बात और याद रखना है कि जो आलू होता है तो आलू का एक और सीक्रेट फार्मूला है कि यदि आप अंकुरण आलू की बुवाई कर रहे हैं सोइंग कर रहे हैं दोस्तों तो इसके लिए मतलब जो बहुत ही जरूरी है आपने आ रहे हैं दोस्तों आप लगा सकते हैं और यदि खेत चुका है और आप आलू की बुवाई कर रहे हैं तो आपको देना अंकुरित आलू को ही लगाना चाहिए यदि शुक्र खेत पर आप अंकुरित आलू को लगाते हैं तो दोस्तों इस से जो अंकुरण है वह सूख जाएंगे वैसे ही मतलब जर्नी संकरण साइज देखने के लिए नहीं मिलेगा जिससे पैदावार काफी ज्यादा प्रभावित होने वाली है मिट्टी भुरभुरी होना चाहिए और मिट्टी पर आलू की पैदावार निकाल सकते हैं और आपको जानकारी के लिए बता दें कि आते हैं|
तो आपकी जब आलू की फसल लगभग लगभग 65 दिन की हो जाए तो एमपी के 13045 100 ग्राम से 20ml 15 लीटर पानी में घोलकर के आपको स्प्रे करना चाहिए लेकिन दोस्तों इससे भी अच्छा फॉर्मूलेशन एक और है जो कि हमारे किसान भाई अपनाते हैं और अच्छा रिजल्ट भी आते हैं तो इसके लिए आपको एक काम करना है कि 6570 दिन के आसपास की आलू की फसल होती है दोस्तों तो कल टार आपको 70ml लेना है और सिंचाई के साथ सवाल एप्लीकेशन से आपको चला देना है यह कटारिया ने पैक्लोबूत्राजोल कि हम बात कर रहे हैं जो कि बार-बार को कंट्रोल कर के कंधों का विकास करती है तो कल टर्न पैक्लोबूत्राजोल 23 परसेंट ऐसी है 70 एमएलए नो 1 एकड़ में आप एक काम कर सकते हैं दोस्तों की दो सीटें पाने को लीजिए और जो आप सिंचाई करेंगे उसी माध्यम से आप का प्रयोग करें जरूर करें|
खरपतवार
दोस्तों खरपतवार की रोकथाम यानी वेट कंट्रोल तो आलू की फसल पर खरपतवार नियंत्रण करने के लिए सबसे जूवालिया ऑप्शन है सबसे बेस्ट जो तकनीक है वैसे तो निराई गुड़ाई सबसे बढ़िया है लेकिन निराई गुड़ाई की जो ऑप्शन नहीं है मजदूर उपलब्ध नहीं है तो उसके लिए आप सबसे पहले आलू की बुवाई करें और जस्ट 72 घंटों के अंदर हम तो कहते हैं जिस दिन आपने बुराई करी उससे आप मैट्रिब्यूशन सत्तर परसेंट जो डबल पाउडर फॉर्म में आती है जो एजेंट हरवी साइट है तो ग्राम आपको एक ही कार में 200 लीटर पानी में घोलकर के दोस्तों आपको इस प्रकार देना है इससे खरपतवार में जवाब ही नहीं होगा अंकुरण ही नहीं होगा इस प्रकार वीड कंट्रोल आप कर सकते हैं और आलू की फसल पर कंद में और अच्छा काश बढ़वार के लिए कम से कम आलू की फसल पर दो बार आपको जरूर आनी चाहिए कुछ इस प्रकार मशीनों से भी आप चढ़ा सकते हैं या फिर हाथ से हावड़ा दोस्तों आलू की जो होते हैं वहां पर आपको मिट्टी जरूर आनी चाहिए कम से कम 2 बार फर्स्ट टाइम किस दिन होती है औरतो पार्टी है वह बहुत ही अच्छी देखने के लिए मिलेंगे कभी कभी आपने देखा होगा गंध हरे हरे हो जाते हैं यदि दोस्तों आलू की फसल पर मिट्टी चढ़ाते हैं तो कर लो का विकास का भी अच्छा होता है पहली आपको जो मिट्टी चढ़ाने की जो प्रोसेसिंग होती है वह 30-35 दिन और सेकंड आपको मिट्टी चढ़ाने की जरूरी गया है वह 65 दिन की आस पास करनी चाहिए मिट्टी को जरूर आनी चाहिए इससे आपने अक्सर देखा होगा कहीं पर लोहारी रह जाते हैं और इतना अच्छा विकास नहीं हो पाता है तो इसलिए आलू पर मिट्टी चढ़ाने से आलू के कंधों का विकास बहुत ही बढ़िया होता है|
सिंचाई
आलू की फसल पर सिंचाई यानी इरिगेशन तो आलू की फसल बहुत ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन आलू की फसल पर वाटर मैनेजमेंट को सुधार के रखना बहुत ही जरूरी और महत्वपूर्ण कारक होता है दोस्तों तो आलू की फसल पर सिंचाई के अलग-अलग विधि है जैसे स्प्रिंकलर विधि रेन पाइप रेट इरिगेशन ड्रिप इरीगेशन सबसे ज्यादा पॉपुलर दोस्तों की विधि से खेती करना और आलू की जो उन दोनों के बीच में ही करना तो आलू की खेती में अलग अलग तरीके से बनाई जाती सल्फर सिंचाई करते समय एक बात आपको याद रखनी है कि आलू की जो मेड होती है जो बेड होती है वह 60 परसेंट 765 परसेंट से ज्यादा पानी पर ना डूबे और आप जब सिंचाई कर रहे हो तो खेत पर बहुत ज्यादा पानी ना भरा रहे और 24 घंटे से ज्यादा यदि पानी भरा रहता है उसको तो आलू की हंसाने की समस्या आ सकती है जो आलू की फसल है बर्बाद हो सकती है तो आलू की फसल पर जब सिंचाई करें तो इस प्रकार आपको मैनेजमेंट करना चाहिए इस प्रकार के नाली बनानी चाहिए नाली में ऐड बनानी चाहिए बेड की खेती एक्साइड पानी लंबे समय तक दर्द भरा की जाती है और आप को हल्की भूमि है तो थोड़ा सा जल्दी जल्दी सिंचाई करनी पड़ती है भारी भूमि पर थोड़ा सा रुक रुक कर भी सिंचाई आप कर सकते हैं|
दोस्तों इस प्रकार आप समझ सकते हैं कि मान लीजिए कोई वैरायटी 100 दिन की आलू की है और उस पर पहली सिंचाई 15 से 20 सेकंड से चाय सेकंड जो पानी है वह लगभग लगभग 40 से 50 दिन और तीसरा जो पानी है 60 से 70 दिन की आस पास की फसल होती है तब हमको थर्ड सिंचाई करनी चाहिए यदि चलाना है तो इसलिए आपको सिंचाई वाटर मैनेजमेंट आवश्यकतानुसार सिंचाई करनी है बहुत ज्यादा सिंचाई करने से भी आलू की फसल पर पीलापन की समस्या देखने के लिए मिलती है और कल्लू का उतना अच्छा विकास नहीं हो पाता है तो सिंचाई पर आपको आवश्यकता अनुसार थोड़ा सा थोड़ा सा सूखा हो जाए उसके बाद आपको सिंचाई करनी चाहिए उसके बाद बात करते हैं |
इस्प्री शेड्यूल
जब हम ज्यादा पैदावार यदि निकालना चाहते हैं आलू की फसल से तो एक अच्छे कॉन्बिनेशन एक अच्छी खातों की भी आवश्यकता पड़ने वाली दोस्तों जिससे पैदावार हमारी बन सके तो फर्स्ट जो ख्वाब है 25 वेदन यूरिया उर्वरक खाद 45 किलोग्राम सागरिका दानेदार 10 किलोग्राम इन दोनों को जनों के पास आपको जैसे गेहूं धान की फसल होती है इस प्रकार आपको ब्रॉडकास्ट या खर्चा करना ही देना है दोनों बैठ के बीच में जो नाली है उस पर आपको दोस्त धोखा देकर सिंचाई करना है सेकंड खाद 40 से 45 दिन के आसपास की फसल होती है तो यूरिया और अनुराग खाद्य 30 किलोग्राम और माइक्रोन्यूक्लियस किसी अच्छी कंपनी का और 10 किलोग्राम तो दोस्तों सिंचाई करना है इस प्रकार यदि आप अपनी आलू की फसल पर धोखा दो प्रयोग करते हैं तो जो आपकी उपाध्य को काफी ज्यादा अच्छी आने वाली है|
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