उड़द की खेती पूरी जानकारी| udad ki kheti puri jankari

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 उड़द की खेती पूरी जानकारी| udad ki kheti puri jankari 




टाइमिंग |



गर्मियों में आप उड़द की खेती कर सकते हो मात्र 60 से 65 दिन में आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं अभी रवि किसी दिन में कई किसान भाइयों के उठी लहसुन के खेत खाली होने वाले हैं वहीं कई क्षेत्रों में सरसों की कटाई शुरू हो चुकी है खेत खाली होने के बाद तुरंत आप खेत की जुताई करने के बाद गर्मियों के मौसम में उड़द की खेती कर सकते हैं तो चले स्टेप बाय स्टेप  को लिखते  हैं और बात करते हैं कि उड़द की बुवाई किस प्रकार से की जाती है और उड़द की खेती आप किस प्रकार से कर सकते हैं  पहला बिंदु आता है |




मिट्टी और समय |


उपयुक्त मिट्टी वैसे तो आमतौर पर सभी प्रकार की मिट्टी में आप उड़द की बुवाई कर सकते हैं लेकिन बलुई दोमट मिट्टी उड़द की खेती के लिए एक उपयुक्त मिट्टी मानी जाती है उसी हिसाब से आप ही मिट्टी का चयन कर सकते हैं सबसे जरूरी बिंदु आता है बुवाई का समय अगर आप गर्मियों के मौसम में उड़द की बुवाई कर रहे हैं तो उड़द की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय फरवरी एंड यानी कि फरवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च के महीने तक आप उड़द की बुवाई कंप्लीट कर लीजिए मैं तो आपको ज्यादा आगे थी वही करना है और ना ही ज्यादा पचेती अगर आप ज्यादा पछेती भाई करेंगे तो बरसात के मौसम में हमारा खेत समय से खाली नहीं हो पाएगा जिससे बरसात के कारण हमारी फसल भी खराब हो सकती है साथ ही खरीद के मौसम में हम किसी फसल की बुवाई करने में लेट हो सकते हैं एंड से मार्च महीने में कंप्लीट कर लें |







खेत तैयारी|



इसके बाद आता है खेत तैयारी तन भाइयों आपका खेत खाली होने के बाद 2 से 4 दिन आप खेत को खुला छोड़ दे उसके बाद खेत की गहरी हकाई जुताई करें रोटा वेटर की सहायता से आप मिट्टी को बारीक ऐसा मत ले भुरभुरी बना सकते हैं|





खाद|


 उसके बाद के तैयारी में आप गोबर का खाद जो सड़ी खाद आती है उसका प्रयोग जरूर करें जिसमें कई प्रकार के सभी प्रोडक्ट पाए जाते हैं रासायनिक खादों की बात करें तो 1 एकड़ में आपको दो कट्ठे एसएसडीएनए की सिंगल सुपर फास्फेट उड़द की फसल है जिस में सल्फर की बहुत ज्यादा आवश्यकता भी होती है तो आप दो कट एसएसपी सिंगल सुपर फास्फेट ले लीजिए इसी के साथ आप 20 किलोग्राम पोटाश ले लीजिए और खेत में उड़द की खेती कर सकते हैं|





किसान भाइयों बुवाई में हम नाइट्रोजन नहीं दे रहे हैं तो नाइट्रोजन की पूर्ति हम बाद में कर सकते हैं|





बुवाई|


 इसके बाद अगला बिंदु आता है बुवाई  की विधि उड़द की बुवाई आप चिढ़ का विधि से भी कर सकते हैं बहुत से किसान भाई उड़द की सीडड्रिल की सहायता से बुवाई करते हैं जब भी आप वही करें लाइन से लाइन की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर के आसपास रखना होती है वही पौधे से पौधे की दूरी आप 10 सेंटीमीटर के आस पास रख सकते हैं जब भी आप बुवाई करें बीच की गहराई 4 से 5 सेंटीमीटर के आसपास होना चाहिए प्रति एकड़  की बात करें तो गर्मियों के मौसम में थोड़ा ज्यादा बिजी लगता है 1 एकड़ में आप 10 से 12 किलोग्राम 20000 रखिए क्योंकि गर्मियों में अंकुरण में थोड़ी समस्या आती है तो आप 20 दिन थोड़ी संतुलित रखिए|





बीज उपचार|



 इसके बाद बीज उपचार किसान उड़द एक गैलरी फसल है अगर आप उड़द का बीज उपचार करते हैं तो इससे आप का उत्पादन ऑटोमेटिक ही ज्यादा निकलता है उड़द का बीज उपचार आप तीन चरणों में कर सकते हैं पहला बबूलनाथ फफूंद नाशक से दूसरा कीटनाशक और तीसरा राइजोबियम कल्चर किसान भाइयों आपको अलग-अलग चरणों में उड़द का बीज उपचार करना होता है अगर आप किसी भी एक तरीके से बीज उपचार करते हैं तो भी आपको अच्छा रिजल्ट मिल पाएगा सबसे पहले बात करते हैं हम फफूंद नाशक के रूप में तो आप यूपीएल कंपनी किस आपकी सेट को ले सकते हैं 2 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से आप भी जो पर स्प्रे करें बीज को उपचारित कर सकते हैं |





कीटनाशक दवाई |




 कीटनाशक की बात करें तो कीटनाशक के रूप में आप इसकोसकते हैं कोई रीजन कल्चर की बात करें तो आपको कि राइजोबियम कल्चर से 50ml आप राइजोबियम कल्चर ले सकते हैं उसी के साथ आप 50 ग्राम गुड गुड को आपको अच्छे से पानी में मिलाने है उससे आप 10 किलोग्राम तक बीजों को उपचारित कर सकते हैं अलग-अलग चरणों में आप उड़द का बीज उपचार कर सकते हैं बीज उपचार करने के बाद भी जो को आपको छांव में सूखा देना है उन्नत किस्मों की बात करें तो किसान भाइयों उड़द की अलग-अलग क्षेत्रों में कई प्रकार की वैरायटी उपलब्ध है जॉब किस में आपके क्षेत्र में प्रचलित है उन्हीं किस्मों का आप सबसे पहले चयन करें कुछ उन्नत बैठे हैं जिनको भी आप लगा सकते जैसे कि एलपीजी 700 सावन बसंत बहार वीडियो 1 इंदिरापुरम परतापुर शेखर 235 आदि की कुछ प्रमुख बेटियां हैं आपके क्षेत्र में जो किस में प्रचलित है उन्हीं का चयन करें इसके बाद आता है|





 सिंचाई प्रबंधन|



 सिंचाई प्रबंधन की खेती होती चार से पांच सिंचाई की आवश्यकता होती है पहले सिंचाई आप बुवाई के समय कर सकते हैं उसके 15 से 20 दिन के आसपास आप उसमें दूसरी सिंचाई कर सकते हैं उसके बाद आप 10 से 15 दिन के अंतराल में उड़द की फसल में सिंचाई करते रहे अगर आपके क्षेत्र में तापमान ज्यादा है तो आप उड़द की फसल में जल्दी जल्दी से सिंचाई  कर सकते हैं इसके बाद अगला बिंदु आता है|





खरपतवार नियंत्रण |



 खरपतवार नियंत्रण किसान भाइयों उड़द की फसल में खरपतवार उग आते हैं नियंत्रण के लिए आप दोबारा फसल की निराई गुड़ाई करें से खरपतवार को आप ₹2 की सहायता से भी नियंत्रित कर सकते हैं कोई रासायनिक तरीके से आप इमेज आती पर 10% ऐसे लिखो 300ml 1 एकड़ में छिड़काव कर दी उड़द की खेती से खरपतवार को नियंत्रित कर सकते हैं |





निराई गुड़ाई खाद |



लेकिन बेहतर रहेगा कि आप निराई गुड़ाई के सहारे उड़द के खेत से खरपतवार को नियंत्रित करें गर्मियों के मौसम में आप कम सत्र में अगर उड़द की बुवाई करते हैं तो आप आसानी से निराई गुड़ाई के सारे खरपतवार को नियंत्रित कर सकते हैं खाद्य को की बात करें तो गुड़ की फसल में ज्यादा खास उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है अगर बुवाई के समय आप संतुलित खाद उर्वरक दे देते हैं तो बाद में पौधे को ज्यादा खादों की आवश्यकता नहीं होती है हवाई के समय हमारे खेत में नाइट्रोजन की कमी है क्योंकि हमने नाइट्रोजन का प्रयोग नहीं किया था तो पहले खाद के रूप में जब हमारी फसल 20 से 25 दिन के आसपास हो जाती है इस समय हमें फसल की निराई गुड़ाई करना है उसके बाद हम जब भी सिंचाई करें आठ से 10 किलोग्राम सागरिका दानेदार को लेना है और अपने उड़द की फसल में डाल देना है उसके बाद आप सिंचाई कर सकते हैं इसके अलावा उड़द में ज्यादा खातों की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मात्र 60 दिन से 65 दिन में हमारी जो उड़द है वो कर तैयार हो जाती है|





रोकथाम बिमारी |



 इसके बाद अगला और आखिरी बिंदु आता है कि एवं उनकी रोकथाम उड़द की फसल में कई प्रकार की बीमारियां ती है जैसे कि उड़द में पीला मोजेक वायरस पत्तों पर कांग्रेस लगना पदों पर धब्बे होना छोटी-छोटी इल्लू का अटैक और ना आदि प्रकार की बीमारियां उड़द की फसल में देखी जाती है सबसे पहले बात करते हैं हम पीला मोजेक वायरस के बारे में उड़द के पत्तों पर सफेद मक्खी लग जाती है सफेद मक्खी लगातार पदों का सूची रहती है जिससे उड़द में पीला मोजेक वायरस फैलने लगता है अगर आप के खेत में वायरस का अटैक हो जाता है तो आप तुरंत उन पौधों को उखाड़ कर बाहर फेंक सकते हैं और अगर यह बीमारी पूरे खेत में फैल जाती है तो आपको तुरंत रह सैनिक दवाइयों का प्रयोग कर लेना चाहिए सफेद मक्खी लगातार अच्छी रहती है सफेद मक्खी को कंट्रोल करने के लिए आप एसिड 20% एसपी को 150 से 200 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते हैं इसके स्थान पर आप यूरो 50 डब्ल्यूपी को 200 से 250 कर सकते हैं इसके अलावा उड़द की फसल में फंसे हो जाते हैं|






 शाखाएं काली पड़ना शुरू हो जाती है फंगस जनित रोगों की रोकथाम के लिए आप कार्बेंडाजिम प्लस मेंगो शिप के कॉन्बिनेशन के रूप में यूपीएल कंपनी की साख फंगीसाइड का 300 ग्राम 1 एकड़ में चिल्का हुई कर सकते हैं उड़द की फसल में छोटी-छोटी लग जाती है कई प्रकार की औकात एक होता है जिससे इंडिया लगातार फलियों को नुकसान पहुंचाती है पौधे के पदों को भी लगातार काटती रहती है आप की फसल में अगर लोका कम अटैक है या प्रारंभिक स्टेज ए तो आप प्रॉपर का प्रयोग कर सकते हैं 250 एकड़ में जो कि आपको पिक सुपर में मिल जाता है इसके अलावा में 3:00 5% जी का प्रोग्राम में प्रयोग कर सकते हैं हो जाता है तो आप और कीटनाशकों का प्रयोग कर सकते हैं|





 लेकिन  इन सभी का प्रयोग करते हैं तो आपका खर्चा काफी ज्यादा आता है तो आप पहले सस्ती और हल्के टेक्निकल रही थी दवाइयों का प्रयोग करें इस प्रकार से आप उड़द की खेती कर सकते हैं इस आर्टिकल में आपको उड़द की कटाई तक की संपूर्ण जानकारी दी गई है किन-किन ध्यान रखना होता है कौन सा खाद डालना चाहिए कौन सी है और किस प्रकार से आप की खेती कर सकते हैं  यह सभी जानकारी आर्टिकल के माध्यम से दी गई है|