आंवले की खेती पूरी जानकारी। Aavle ki kheti Puri jankari

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 आंवले की खेती पूरी जानकारी। Aavle ki kheti Puri jankari



अनुकूल समय |


सबसे पहले दोस्तों बात करते हैं अनुकूल समय तो आमले की बागवानी के लिए सबसे जो गाड़ियां टाइम है दोस्तों पौधरोपण का वह है जुलाई से लेकर सितंबर के मध्य यदि आप पौध रोपण करते हैं तो बहुत ही शानदार बार-बार देखने के लिए मिलने वाली काफी परफेक्ट टाइमिंग है|



जलवायु और टेंपरेचर|


 जलवायु टेंपरेचर के ऊपर बात करें तो आंवला की खेती नाम तथा शुष्क दोनों जलवायु में इस को सफलतापूर्वक आपस में खेती की जा सकती है और नाम जलवायु में अच्छी तरीके से या फलता फूलता है थोड़ा सा स्टार्टिंग की जो दिन होते पाली से बचाना बहुत ज्यादा जरूरी है तो 3 साल बाद बहुत ही पांड्या पर बहुत ज्यादा गर्मी का कोई भी फर्क नहीं पड़ने वाला है तो एक प्रकार से कह सकते हैं कि आंवले की खेती सभी प्रकार की जलवायु के लिए दोस्तों काफी अनुकूल काफी पर्फेक्ट है ठंडी नवरात्रि जलवायु पर बहुत अच्छी पैदावार देखने के लिए मिलती है|




टेंपरेचर|


 टेंपरेचर बात करें तो न्यूनतम टेंपरेचर दोस्तों 8 से 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम की बात करें तो 35 से लेकर 38 डिग्री सेल्सियस तक का टेंपरेचर काफी अनुकूल माना जाता है |




भूमि और खेत|

भूमि और खेत की तैयारी के ऊपर दोस्तों डिस्कशन करते हैं तो भूमि खासकर काली मिट्टी है काली दोमट है वाली भूमि है चिकनी मिट्टी है और साथ ही आप पीली भूमि पर भी आप आंवले की खेती कर सकते हैं लाल मिट्टी पर विजय से महाराष्ट्र की जो काफी एरिया पर लाल भूमि है तो वहां पर आप सफलतापूर्वक आंवले की खेती कर सकते हैं वह सदा की पीएच वैल्यू 6:50 से 7:50 तक दोस्तों चल जाती खेत की तैयारी आपको एक बार कम से कम गहराई में चलने वाले जैसे खासकर ब्लाउज से आपको 1 जुलाई कराना चाहिए उसके बाद है जिसकी मदद से मिट्टी को ठीक तरीके से बोरबोरी करा लेना है खेत के चारों साफ सफाई होना बहुत जरूरी है जंगली जानवरों परेशान करती हो ना बहुत ज्यादा जरूरी है पांच साडे 5 बटा 30 के चारों खींच लीजिए खेत के चारों साफ सफाई के साथ होना चाहिए और भूमि जितनी ज्यादा कार्बनिक पदार्थों की जितनी ज्यादा जीवास पदार्थ बालेश्वर होगी उतनी ही अच्छी भूमि से हमको उतनी ही बढ़िया पैदावार और बार-बार देखने के लिए मिलने वाली है खासकर वनस्पति के अवस्था पर आप जैसे भूमि अच्छी उपजाऊ है तो बहुत अच्छा उत्पादन आपको आंवले की बागवानी से दोस्तों मिलने वाला है इस प्रकार आपको भूमि और खेत की तैयारी करना चाहिए|






उन्नतशील किस्मों|


 उन्नतशील किस्मों के ऊपर दोस्तों बात करते हैं काफी ज्यादा कॉमेंट्स एस्से टॉपिक पर आती है तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको 5 6 वैरायटी के नाम बतलाएं उनकी खास यह क्या है आइए समझते तो नंबर 12 वैरायटी है एनएसएस के नाम से आती है la7 m10 के नाम से आती है साथी लक्ष्मी के नाम से आती है और साथी चकिया के साथ-साथ फ्रांसिस जो वैरायटी है जो कि इस सीरीज की जो वैरायटी है वह काफी बढ़िया है और खासकर चकिया जो वैरायटी है इस पर रोग बीमारी भी काम आती हैं थोड़ा सा देसी टाइप किए वैरायटी है या दास का उत्पादन है और सभी जगह पर शक है जो वैरायटी है इसको आप लगा सकते हैं रोग बीमारी का में पैदावार अच्छी है मार्केट पर जब अपनी उपज को आंवले को ले जाएंगे तो उसकी क्वालिटी बढ़िया देखने के लिए मिलेगी सीरीज की वैरायटी है इनका उत्पादन काफी कम आती है तो आप साथ-साथ जो चकिया की वैरायटी है उनको भी आप दोस्तों आप लिखी लगा सकते हैं बाकी आपकी एरिया जलवायु क्लाइमेट कंडीशन के हिसाब से जो वेस्टमैड हूं आप उनका सिलेक्शन कर सकते हैं|




 

 प्रति एकड़ पौधे कल प्लांट 1 एकड़ पर आप खेती कर रहे हैं तो 180 से 200 पौधे दोस्तों आपको लगाना चाहिए |






वेसल डोज|


वेसल डोज पौधरोपण करेंगे उस समय कौन-कौन सी खाद देना चाहिए जिससे प्रॉपर बढ़वार देखने के लिए मिले तो सिंगल सुपर फास्फेट पाउडर फॉर्म वाली जो और अब रख याद आती है 50 किलोग्राम डीएपी 50 किलोग्राम मुर्गी की घात एक ट्राली और गोबर की खाद कम से कम 2 ट्राली इन सभी को मिक्स करके जवाब पौधरोपण करें उस समय आपको प्रयोग करना चाहिए|




प्लांट डिस्टेंस |

 प्लांट डिस्टेंस तो पौधे से पौधे की दूरी 12 फीट और लाइन से लाइन की दूरी आपको 15 फीट रखनी चाहिए डिस्टेंस के हिसाब से 180 पौधे के आसपास आपको एक दूरी में पौधे लगने वाले संपूर्ण जानकारी प्रति एकड़ की दर से दोस्तों बदला रहे हैं तो इस डिस्टेंस को आप फॉलो करें बहुत ही बेहतरीन डिस्टेंस माना जाता है|





 बेड तैयार|


 बेड तैयार करना बहुत ज्यादा जरूरी है  बरसात के दिनों पर जहां पर आप ने पौधरोपण किया है वहां पर पानी ना भरे तो इसके लिए एडमिन जी से ही आपको खेती करना चाहिए पेट में का रेफर मेटलाइजर्स यदि आप तैयार कराते हैं तो जलभराव की समस्या नहीं आएगी बढ़वार भी काफी बढ़िया देखने के लिए मिलेगी तो वेट से वेट की दूरी 15 फीट की ऊंचाई 1 फीट कॉर्बेट की चौड़ाई ढाई से लेकर 3 फीट के आसपास दोस्तो आप को वेट की चौड़ाई रखनी चाहिए इस प्रकार बेड प्रिपरेशन कर आना चाहिए ड्रिप इरिगेशन तो यह बागबानी बटन दबा सकते हैं |





माल्सिग पेपर |


माल्सिग पेपर उतना ज्यादा खास नहीं है लगवा सकते मल्चिंग पेपर लगवा रहे हैं 30 माइक्रोन का मल्चिंग पेपर लगा सकते हैं लेकिन हमारे हिसाब से मल्चिंग पेपर नहीं लगाना चाहिए बेना मल्चिंग पेपर पर भी आप इस फसल की बीज उत्पादन फसल को तैयार कर सकते हैं प्लांट्स रेट क्यों पर बात करें तो आप यदि बहुत अधिक क्वांटिटी पर पौधे को बाय करते हैं ट्रस्टेबल नर्सरी से पौधे को खरीदते हैं तो ₹50 के आसपास प्रति पौधा की कीमत देखने के लिए दोस्तों मिलने वाले जोक ग्राफ्टेड पौधे होंगे प्लांटेशन के ऊपर बात करें तो बागवानी नर्सरी से आपको पौधे कर लेना भी नहीं मिल पा रहे हैं किरसी विस विद्यालय पर आप संपर्क कर सकते है |





प्लांटेशन|


दोस्तों जहां पर आपको प्लांटेशन करना है वहां पर 15 दिन पहले 2 बाय 2 एंड 2 फीट चौड़ा 2 फीट गहरा गड्ढा खोदकर 15 दिन की तेज धूप लगाना है 15 दिन से लेकर 30 दिन के आसपास कितनी धूप लगाना जिससे हार्मफुल इंसेक्ट है संगत से या फिर में नुकसान पहुंचाने वाली हार्मफुल कीटों को कंट्रोल करने में बहुत ही आसानी होगी तेज धूप लगा लीजिए उसके बाद जो मिट्टी निकली है आधी मिट्टी को और जो हमने विंडोज बताएं उसको इनको ठीक तरीके से मिक्स करना है उसके बाद आपको ठीक तरीके से गड्ढे को कर देना पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए और आपको पौधरोपण करना चाहिए यदि पौधा कमजोर है तो बाकी छोटे-हवा चलने पर पौधा टूटे ना। 




सिंचाई|

सिंचाई करने की अलग-अलग विधियां हैं जैसे ट्रिप खेती कर सकते हैं फ्लैट इरिगेशन सिंचाई कर सकते हैं इरिगेशन से आप खेती कर रहे हैं दोस्तों नाली क्यारी विधि से सिचाई कर रहे हैं 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए डर से खेती कर रहे दो चार चार दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए आंवले की फसल पर बहुत ज्यादा शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है कम से कम लागत पर प्रूफ देने वाली आंवले की बागवानी दोस्तों आप कर सकते इस प्रकार आपको वाटर मैनेजमेंट को सुधार के रखना चाहिए |




खरपतवार नियंत्रण|


खरपतवार नियंत्रण के ऊपर बिट कंट्रोल निराई गुड़ाई सबसे बेस्ट है फर्स्ट निराई गुड़ाई 4 से 5 मंथ की आस पास की फसल होती है दोस्तों एवं सेकंड हैंड गोलाई सात से लेकर 8 मंथ की आस पास की फसल होती है तो हमको सेकंड हैंड निराई गुड़ाई करने चाहिए खरपतवार मुक्त फसल रखनी चाहिए |




इंटर कंटन|

 इंटर कंटन के ऊपर बात करते हैं आवले की जो बागवानी है लंबे समय बाद आपको हार्वेस्ट इन मिलने वाली है तो जो इस इससे लाल सलाम की जो दूरी है दोस्तों वहां पर आप अलग-अलग सब्जियों को गा सकती जैसी मोटी फोटो नहीं है गेहूं चना है मशहूर इसके अलावा धनिया मेथी पालक टमाटर मिर्च बींस बरबटी शिमला अदरक हल्दी स्वयं के सांसद मूली गाजर को दोस्त वापस होगा सकते काफी अच्छा प्रोफेट कमाई कर सकते हैं खरपतवार भी नहीं हो पाएगा और प्रॉपर आप हरी सब्जियों को होगा कर काफी अच्छा प्रोफिट भी निकाल पाएंगे और आपकी जो आंवले की बागवानी है वह भी तैयार हो रही हो तो जब तक तैयार ना हो रही हो अलग-अलग सब्जियों को अलग-अलग फसलों की inter-corporate कमाई कर सकते हैं|




 राज्यों|


 अनुकूल राज्यों के ऊपर दोस्तों बात करते हैं वैसे तो उत्तर प्रदेश अकेला 60 परसेंट भारत भारत 60परसेंट की उत्तर प्रदेश इस पर दोस्तों आंवले का उत्पादन होता है खासकर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड बिहार पश्चिम बंगाल गुजरात राजस्थान पर सबसे ज्यादा अनुकूल राज्य दोस्तों माने जाते हैं|




 आमली की खेती करने के लिए फर्स्ट जो हार्वेस्टर 30 साल के आसपास का पौधा होता है तो हार्वेस्ट इन चालू हो जाती है लेकिन पूर्ण विकसित वादा है 6 से 7 साल के आसपास का पौधा पूर्ण विकसित माना जाता है लेकिन तू बात करती है तो सांवले की जो बागवानी दोस्तों यह 1 वर्ष होता है एक बार पौधरोपण करने के बाद आपको लंबे समय तक दोस्तों आप लाभ निकाल सकते हैं उत्पादन के ऊपर दोस्तों बात करते हैं तो एक पौधे से 1 स्वास्थ्य पौधे से 90 किलोग्राम के आसपास दोस्तों फल की प्राप्ति होती है पूर्ण विकसित पौधा 1 एकड़ में 200 पौधे लगाए हैं तो 18000 केजी यानी दोस्तों 180 कुंटल की आस पास के के कारण पैदावार होती है पौधा जैसे विकसित होता जाएगा वह से पैदावार दोस्तों आने वाली है बाजारभाव के ऊपर दोस्त बात करते हैं मार्केटिंग रेट के ऊपर बात करते हैं तो ₹20 की जिस लेकर ₹40 केजी के मध्य हमारे किसान भाइयों को कीमतें बाजार भाव देखने के लिए मिलते हैं|



लागत|

 लागत के उपर बात करे तो आंवले की खेती पर₹55000 से लेकर ₹6000 की आस पास 1 एकड़ में कॉस्ट लगने वाली है|