लौकी की खेती पूरी जानकारी। Lauki ki kheti puri jankari
टाईमिंग और अनकुल समय।
सबसे पहले दोस्तों बात करते हैं टाइम इन लोगों के साथ तीनों सीजन पर कर सकते हैं गर्मियों के पर खेती कर सकते हैं बरसात पर और सर्दियों पर आप एक गिरोह कर सकते हैं यानी तीनों सीजन पर आप गिरोह कर सकते हैं लोगों की कोशिश की जो टाइमिंग है गर्मियों के लिए अक्टूबर से दिसंबर बरसात के लिए जुलाई से अगस्त महीने का जुलूस तो टाइम होता है काफी अनुकूल और परफेक्ट माना जाता है यदि आप बरसात के दिनों पर लौकी की खेती कर रहे हैं तो मंडप विधि से खेती करनी चाहिए।
जलवायु और टेंपरेचर।
जलवायु और टेंपरेचर के ऊपर बात करें तो लौकी की खेती के लिए गर्म एवं जलवायु की आवश्यकता पड़ती है यह गर्म एवं आदि जलवायु की आवश्यकता पड़ती है मिनिमम 15 से 16 और अधिकतम 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास टेंपरेचर की आवश्यकता पड़ती है और बहुत ज्यादा गर्मी का बहुत ज्यादा दुष्परिणाम देखने के लिए मिलता है तो यदि 6 डिग्री सेल्सियस से कम टेंपरेचर जाता है तो काला लगने की पूरी पूरी संभावना दोस्तों रहती है तो इसलिए बहुत ज्यादा यदि ठंड पड़ती है सर्दियों पर तो फिर लौकी को आप जनवरी-फरवरी पर गिरोह कर सकते हैं लोगों की खेती दोस्तों आप सभी प्रकार की भूमि पर कर सकते हैं काली मिट्टी है काली भूमि पीएच वैल्यू 7 से 7: 50 तक चल जाती है 5:30 से 7:30 तक चली जाती है उत्तम जल निकास का प्रबंध होना बहुत ज्यादा जरूरी है खेत की तैयारी नॉर्मल तरीके से आपको खेत की तैयारी कर आना चाहिए कल्टीवेटर तक 2 साल से पहली और दूसरी फ्लोइंग कराना चाहिए और मिट्टी को बोरे कराने वाली जैसे यंत्र रोटावेटर है पर है रोशनी को ठीक तरीके से भुरभुरी कराना चाहिए खेत के चारों साफ सफाई होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
उन्नतशील किस्में।
इनका उत्पादन प्रोडक्शन काफी अच्छा है आइए बात करते हैं इसमें जिनका जो फल का साइज काफी आकर्षित है और बाजार भाभी इन वैरायटी का जो पहले काफी आकर्षित देखने के लिए मिलता है तो नंबर वन पर जो वैरायटी ए बी इ एस कंपनी की न्यू नेम्स की अनोखी के नाम से आती है ईस्ट वेस्ट की अनमोल के नाम से आती है सर काटा की दशा के नाम से वीएनआर कि अरुणा के नाम से आती है और यूएस एसडब्ल्यूएक्स शीट्स की 906 के नाम से आती है भाई विस्की आंखों के नाम से आती है और माइको की माही एटीएनआर की सरिता जैसी किस्मों को आप लगा सकते हैं।
तो दोस्तों 5 वैरायटी के नाम बदला हैं इनका उत्पादन काफी लोंग लास्टिंग ओं की संख्या देखने के लिए मिलती है और सिलेक्शन कर सकते हैं।
सीट्स।
प्रति एकड़ सीट्स के ऊपर दोस्तों बात करते हैं 1 एकड़ पर कितने सीट की रिक्वायरमेंट पड़ने वाली है यदि आप डर से खेती करते हैं मल्चिंग बेड विद इश्के दी करते हैं तो डेढ़ किलोग्राम से 2 किलोग्राम सीट्स और साधारण तरीके से खेती करते हैं तो 800 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम सीट की आवश्यकता पड़ने वाली है 20 साल डोज पर डीएपी 50 किलो एसएससी 50 किलो और ए मूवी म्यूटो कोटा से 30 किलो और गोबर की खाद दो से तीन ट्राली आपको 118 में बुवाई के समय प्रयोग करना चाहिए।
नर्सरी तैयार।
क्योंकि कि आप नर्सरी तैयार कर सकते हूं और डायरेक्ट फील्ड पर दो-दो बीजों की 22 सीटी आप है बुवाई कर सकते हैं ते हैं और यदि आप नर्सरी तैयार कर रहे हैं तो पैर लाल का धोबी टाल है फंगस है दोस्तो इनका प्रकोप देखने के लिए मिल सकता है तो नीम ऑयल का ऑफिस से कर सकते हैं अपनी नर्सरी पर लोगों की को आप बेड विद इसे भी ग्रो कर सकते मल्टीड्रग को लगा सकते हैं दोस्तों यदि आप बेड बजे से खेती कर रहे हैं मल्चिंग को लगा रहे हैं तो बाद में करें फिर बेडवाइजर से आपको बेड प्रिपरेशन कर आना चाहिए बेड बेड की दूरी आप को लेकर आनी चाहिए की चौड़ाई 3 फीट की ऊंचाई 10 से 12 इंच रखनी चाहिए बात करते हैं वेब से बेड की दूरी 6 से 7 फीट रखनी चाहिए और एक बेड पर सिंगल लाइन पर पौधरोपण या फिर बुवाई करने चाहिए लेकिन आप बरसात के दिनों पर खेती कर रहे हैं मंडप विधि से खेती कर रहे हैं तो पौधे से पौधे की दूरी 3 फीट और रिलायंस एलान की दूरी आपको 10 फीट रखनी चाहिए और दोस्तों एक मंडप से दूसरे मंडप की दूरी 3 से 4 फीट रखनी चाहिए।
माल्सिग पेपर।
लौकी की फसल पर मल्सिग और ड्रिप्स को भी लगाया जा सकता है और ड्रिप इरिगेशन 16mm लैंड रिपोर्ट लगा सकते हैं सिंचाई के ऊपर दोस्तों बात करते हैं तो लौकी की फसल पर मध्यम सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है दो दो दिनों के अंतराल पर दो से 4 दिन का अंतर रख सकते हैं एक से डेढ़ घंटे सिंचाई कर सकते हैं और क्या विधि से 40 दिनों के अंतराल पर गर्मियों के दिनों पर 7 दिन के अंतराल पर सिंचाई कर सकते हैं स्टेशन से 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।
आवश्यकतानुसार गर्मियों के दिनों का थोड़ा ज्यादा ही सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है मार्च-अप्रैल महीने पर सच्चाई की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है।
खरपतवार की रोकथाम।
हैंड खरपतवार की रोकथाम वेट कंट्रोल तो निराई गुड़ाई सबसे बेस्ट है लौकी की फसल पर पहले निराई गुड़ाई करें 2 दिन तक की तेज धूप लगाएं और उसके बाद आपको सिंचाई करनी चाहिए बेहतरीन परिणाम देखने के लिए मिलते हैं किसान भाइयों बात करते हैं।
इस प्रे सेडूल।
इस प्रे सेडूल जोकि काफी ज्यादा इंपोर्टेंट और अनिवार्य है तो देखिए बीमारी अरे कई प्रकार की आती है लौकी की फसल पर जैसे सेमिलूपर दिल्ली है हरी ली है सफेद मक्खी एफजेड तरफ से लाल कद्दू विट्ठल फ्रूट फ्लाई फल मक्खी पाउडरी मिलडायू के साथ-साथ लीफ स्पॉट बैक्टीरियल स्पोर्ट स्पोर्ट यूटिलिटी समस्या देखने के लिए मिलती है फलों को नुकसान पहुंचाने वाली का प्रकोप देखने के लिए मिलता है नीम ऑयल का इस प्रे किया जा सकते हैं इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे किया जा सकता है दोस्तों की समस्या देखने के लिए मिलती है यानी फलता फूलता पौधा सूख जाता है तो सबसे पहले फसल चक्र को अपनाना है और जिस खेत पर आप लगातार लौकी को गिरोह करते आ रहे हैं लोगों के को लगाते आ रहे हैं कम से कम हर साल यदि आप तीन-चार साल से कंटिन्यू लो कि रुक रुक कर रहे तो थोड़ा सा अंतर रख दीजिए फसल चक्र बनाइए और यदि समस्या बनी हुई है तो फिर ऊपर 200 लीटर पानी में 5 ग्राम ट्राइकोडरमा को खोल लेना है 200 लीटर पानी पर 7 दिन बाद आपको एक बार 200 लीटर पानी को पूरा गोल बना हुआ है दोस्तों इस को सिंचाई के साथ प्रयोग कर लीजिए बेहतरीन रिजल्ट देखने के लिए मिलेंगे जो आपको हर महीने अपनाना चाहिए हर महीने आप ट्राइकोडर्मा को छोड़ सकते ध्यान है केमिकल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा दोस्त लोगों की की फसल पर पूछे बीमारी आती हैं उनका इलाज उपचार करना बहुत जरूरी है फर्स्ट स्प्रे 20 से 25 दिन की फसल होती है तो दोनों कीटनाशक फंगीसाइड को 15 लीटर की दर से स्प्रे कर सकते हैं रोज आपको 15 लीटर की दर से बदला रहे हैं।
सेकेंड स्प्रे 35 से 40 दिन की फसल होती है को 15 लीटर की दर से स्प्रे करना चाहिए इसके अलावा और किस दिन करना चाहिए काम और ज्यादा भी कर सकते हैं फल मक्खी का प्रकोप भी देखने के लिए मिलता है तो टूट अप्लाई फेरोमेन ट्रैप एकीकरण में 20 पीस लगाना चाहिए पीला और नीला ट्रेन से 10 तक की टपरिया कंट्रोल देखने के लिए मिलता है शेड्यूल शेड्यूल फर्स्ट 25 से 37 दिन के आसपास की फसल होती है तो 25 किलो 5 किलो 5 किलो इन सभी को जड़ों के पास देकर सिंचाई करना चाहिए।
सेकंड खाद 50 से 7 दिन की होती है और थर्ड खाद 90 से 100 दिन के आसपास की फसल होती है तो इनको प्रति एकड़ जनों के पास देकर सिंचाई करनी चाहिए।
फोर्थ खाद जिससे एक्सपेंशन के आसपास की फसल होती है तो जिंक सल्फेट 5 किलो माइक्रोन्यूट्रिएंट 5 किलो और यूरिया 20 केजी इन तीनों को मिक्स करना है पहले निराई गुड़ाई करनी है उसके बाद दोस्तों जनों के पास देकर सिंचाई करेंगे तो बेहतरीन रिजल्ट देखने के लिए मिलेंगे इन लाइफ साइकिल पर बात करें तो लोगों की की फसल 6 से 7 महीने के आस-पास चल जाती है।
लागत।
लागत ₹50000 के आस पास लागत लगती है उत्पादन 250-300 कुंटल पैदावार देखने के लिए मिलती है।