धनिया खेती की पूरी जानकारी। Dhniya kheti Puri jankari

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 धनिया खेती की पूरी जानकारी। Dhniya kheti Puri jankari



टाइमिंग|


फरवरी महीने पर धनिया की बुवाई करते हैं तो आने वाले 55 दिनों बाद जब हमारी धनिया तैयार होगी 55 से 60 दिन बाद तो बाजार भाव एकदम आकाश को छू रहे होंगे तो दोस्तों  आप धनिया की खेती करके कैसे ज्यादा से ज्यादा धनवान बन सकते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से संपूर्ण जानकारी बताएंगे|





उन्नतशील किस्म |



उन्नतशील किस्म में  जो सबसे अच्छी वैरायटी दोस्तों आरके स्वीट्स की रॉयल ब्लिस्स के नाम से आती है और प्लस से इंडो अमेरिकन की मल्टी कट के नाम से आती है गोल्डन सुइट्स की सुपर ग्रीन के नाम से आती है खासकर आरके की जो वैरायटी है आर वी के नाम से जो आती है उसको आप जरूर लगाएं काफी अच्छा उत्पादन है और इसमें जो फूल है बहुत ही लंबे समय बाद देखने के लिए मिलते हैं तो बाजार भाव कमी चल रहे हैं तो आपका बुवाई करके बिक्री भी कर सकते हैं यह कि कल में 506 और अधिकतम 7 किलोग्राम स्वीट्स पर्याप्त होता है|




 1 एकड़ के लिए खेती करना है धनिया की हवाई करना धनिया की खेती करनी है दोस्तों तो इसके लिए आपको एक एकड में मान लो 25 से 30 डिस्मल पर अभी बुवाई कर दीजिए फिर 2530 डिस्मल पर अगले हफ्ते और इसी प्रकार 25 से 30 डिस्मल 15 दिन बाद बुवाई करें एक साथ बुवाई ना करें यानी क्यारियों में आप भी कर सकते हैं जिससे आपको काफी अच्छा फल मिलेगा और सिंचाई करने में काफी बड़ी आप को लाभ पहुंचेगा और अच्छे से गिरोह फसल होने वाली है। 




बीज को भी उपचार|




हाइब्रिड बीज को भी उपचार करना बहुत ज्यादा जरूरी है और आप करना चाहिए ट्राइकोडरमा से ट्राइकोडरमा 1 किलो ग्राम बीजों को 5 ग्राम ड्राई कोडरमा से बीज उपचार करने पर दोस्तों काफी बढ़िया रिजल्ट देखने के लिए मिलते हैं जर्मनी सनम को देखने के लिए मिलता है |



वैसे रोज के ऊपर बात करते हैं तो भूमि कंडीशन बार दो ट्रॉली गोबर की खाद ऐसी 50 किलो वर्ग डीएपी खाद 25 किलो दोनों को मिक्स कर के प्रति एकड़ की दर से दवाई कर रहे हो सोंग कर रहे हो चाहे आप ब्रॉडकास्ट विधि यानी छठ का विधि को भी अपना सकते हैं सरल विधि से भी आप ही कर सकते हैं तो बुवाई के समय प्रयोग करना चाहिए लेकिन थोड़ा भूमि अच्छी है काली मिट्टी है या उपजाऊ भूमि उपयोग पदार्थ वाली भूमि है दोस्तों तो आपको यह पी एस पी को तीस परसेंट कम करके भी आप बुवाई के समय प्रयोग कर सकते हैं खेत की तैयारी नॉर्मल तरीके से आपको करानी चाहिए और मिट्टी को बर्वरी करा लेना चाहिए 7 किलोग्राम सीट पर्याप्त है कि  बुवाई के लिए अन्य के लिए पर्याप्त होती है 2 सेंटीमीटर काफी को चेक मान्या दे दो से 3 सेंटीमीटर 5 सेंटीमीटर पर आप बुवाई न करें 5 से ज्यादा सेंटीमीटर पर है अभी आप गहराई पर बुवाई करते हैं तो जल में दिक्कत आती है|






सिंचाई प्रबधन |



 सिंचाई के ऊपर बात करते हैं तो अगर आपको पता है कि फरवरी महीने पर आप बुवाई कर रहे हैं तो एक अच्छी सिंचाई के साधन होने बहुत ज्यादा जरूरी है फरवरी महीने पारस सात से आठ दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी पड़ेगी फसल पर बहुत ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ेगी थोड़ा सा देखभाल की जरूरत पड़ने वाली है अभी आ जाएगी तो स्प्रिंकलआर विधि से रेन पाइप विधि से फ्लर्ट एडिकेशन से भी आप सिंचाई कर सकते हैं ड्रिप को भी आप लगा सकते हैं लेकिन उतनी आवश्यकता नहीं यदि आप बेड विधि से खेती कर रहे हैं तो फिर आपको ड्रिप लगाने चाहिए सिंगल लाइन पर दोस्तो आप को बुवाई करनी चाहिए एक बार दोस्तों आपको सिंगल लानी चाहिए|





खरपतवार नियंत्रण|



खरपतवार नियंत्रण के ऊपर बात करते हैं तो मार्केट में खेसारी खरपतवार नाशक उपलब्ध है लेकिन धनिया की फसल को यदि खरपतवार नाशक स्प्रे किया जाता है तो झटका आता है तो इसलिए निराई गुड़ाई करें अब जब आपने बुवाई की है 20-25 दिन 30 दिन के आसपास की फसल हुई है खरपतवार देख रहे हैं और उनको आप रिमूव नहीं करेंगे निराई गुड़ाई नहीं करेंगे तो एक बात मान लीजिए की फसल में पीलापन की समस्या देखने के लिए मिलेगी और प्यार हो सकता है इसीलिए जरूर करें शिक्षा से आ रही है तो क्या उपाय कर सकते हैं जानकारी आगे मिलने वाली है आर्टिकल पर बने रहेंगे |





इसप्रे  सेढूंल|



इसप्रे  सेढूंल के ऊपर दोस्तों बात करते हैं जो कि काफी ज्यादा इंपॉर्टेंट और अनिवार्य देखिए आप सर्दियों पर खेती करते हैं दोस्तों तो इतनी ज्यादा रोक की बीमारी का प्रकोप देखने के लिए नहीं मिलता है लेकिन थोड़ा सा ऑफ सीजन खेती कर रहे हैं फरवरी पर आप बुवाई करेंगे तो मार्च-अप्रैल महीने पर हो सकता है पीलापन समस्या जाए फिलिप्स कोटा से इसके अलावा की लाइट है पाउडर है बेल्ट है झुलसा रोग जैसी सोच देखने के लिए देखने के लिए देखने के लिए मिलता जो किसानों पर काफी ज्यादा लगता है यानी एप्ट का प्रकोप धनिया की फसल पर भी होता है तो कैसे इलाज और उपाय क्या है कैसे कंट्रोल कर सकते हैं बीमारी नहीं आ रही है तो कोई भी स्प्रे करने की आवश्यकता नहीं है और यदि बीमारी का प्रकोप हो चुका है हल्का-फुल्का है तो फिर से करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है धनिया की फसल पर दोस्तों बहुत ज्यादा करने की आवश्यकता नहीं होती है यह करने की आवश्यकता नहीं होती केवल और केवल एक स्प्रे की आवश्यकता होती है वह भी तब जब रोग बीमारी का प्रकोप देख रहा हूं तब फर्स्ट इसप्रे रोग की बीमारी का प्रकोप देखने के लिए मिल रहा है तो जो फर्स्ट स्प्रे है 40 दिन की आस पास की फसल होती है तो ऐसे गुरुओं की फसल को हरी-भरी करेगी सिद्धा सेमल 15 लीटर पानी में घोलकर कि आपको इस प्रेस करना चाहिए केवल और केवल इन दोनों दवाइयों को इस प्रे करना चाहिए 15 लीटर की दर से की बाल की आवश्यकता है और ज्यादा आपको स्प्रे नहीं करनी चाहिए महंगी स्प्रे बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए और दोस्तों आपको ज्यादा महंगी स्प्रे करने की आवश्यकता नहीं है इन दोनों को मिक्स करके 15 लीटर पानी में घोलकर करना चाहिए बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं पड़ती है बस बुवाई के समय गोबर की खाद वर्मी कंपोस्ट इनका प्रयोग जरूर करना चाहिए से धनिया की फसल हरी भरी रहती है और एक अच्छी पैदावार देखने के लिए मिलती है ज्यादा ही हाल की भूमि है तो थोड़ा सा गोबर की खाद प्रयोग थोड़ा ज्यादा ही करनी चाहिए सस्ते पर बढ़िया काम हो जाता है तो देना बहुत ज्यादा जरूरी है फर्स्ट खाती है इन दोनों को मिक्स करना है प्रति एकड़ जनों के पास देकर सिंचाई कर देना चाहिए |






लाइफ साइकिल|



लाइफ साइकिल धनिया की फसल 90 दिन से लेकर 120 दिन के आसपास का समय मान लीजिए fast-forwards 10 फरवरी महीने पर आप बुवाई करते हैं पाठ 65 दिन के आसपास की हलचल होती है हार्वेस्ट इन के लिए तैयार हो जाती है तो इस हिसाब से जैसे-जैसे पौधा ग्रोइंग होता ह जो चूर होता जाता है उस हिसाब से आप को उखाड़कर बिक्री करना चाहिए हार्वेस्टिंग करनी चाहिए अब बाजार में हाइब्रिड धान की बुवाई कर रखी है तो कटवा करके आप भी कर सकते हैं पर 15 से 20 दिन बाद फिर से धन्य तैयार हो जाती है यानी कुल मिलाकर का मतलब यह है कि जब हमारी धनिया की फसल तैयार हो गई अच्छी नहीं है तो आपका करके काट कर के बिक्री कर दीजिए वापस पहले जैसे तैयार हो जाएगी तो और रेट यदि काम है तो ऐसी तकनीक को आप अपना सकते हैं और प्रॉपर आप कमाई धनिया की फसल से कमाई कर सकते धनिया की फसल को दो से तीन बार की जा सकती है|






उत्पादन|



 उत्पादन 1 एकड़ मे 65 से 70 कुंटल कर रहे हैं तो 50 क्विंटल ही आप ही के काल से पैदावार निकाल पाएंगे लागत के ऊपर बात करें तो इस साल के दिखा लेंगे तो 10 से ₹12000 के आसपास लागत लगने वाली है मुनाफा के ऊपर दोस्तों बात करते हैं सभी लागत को काटकर आप ₹100000 से ₹150000 बड़े आराम से कमाई कर पाएंगे यदि बाजारभाव काम रहते हैं तो यदि बाजार भाव बहुत अच्छी मिलते हैं 30 40 रुपए केजी का रेट मिल जाता क्योंकि फरवरी पर तो रेट कम है लेकर आने वाले फरवरी के बाद 2 महीने बाद खासकर अप्रैल-मई महीने पर जो बाजार भाव में बहुत ज्यादा ही रहने वाले हैं बहुत ज्यादा कीमतें ऊंची रहने वाली हो तो आप से ₹200000 कम से कम कमाई कर सकते हैं|