सरसों की खेती कैसे किया जाता है पूरी जानकारी | saraso ki kheti jankari |
सरसों की खेती कैसे किया जाता है पूरी जानकारी | saraso ki kheti jankari |
सरसों की खेती के बारे में बात करेंगे सरसों की बुवाई से कटाई तक की संपूर्ण जानकारी आपको इसमें मिलेगी सरसों की बुवाई कब की जाती है सरसों की बुवाई करने का सही समय और सही तरीका कौन सा होता है किस प्रकार की जमीन के लिए सरसों की खेती की जा सकती है खेत के लिए जमीन तैयारी कैसे करें उन्नत किस्में खाद बीज और इसके अलावा स्प्रे का शेड्यूल खरपतवार नियंत्रण किसानों की खेती
पहले 12 कुंटल तक के प्रति एकड़ सरसों का उत्पादन ले पाते हैं इस blog में मैं आपको जिस प्रकार से सरसों की खेती की जानकारी दूंगा अगर आप इस प्रकार से सरसों की खेती करेंगे तो प्रति एकड़ आप 12 से 15 कुंटल तक उत्पादन ले सकते हैं मंडी में सरसों का भाव भी काफी अच्छा चल रहा है इस कारण किसान भाई सरसों की खेती से काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं किसान भाइयों सरसों की खेती में सबसे जरूरी है
सरसों की बुवाई हमें सही समय पर करना चाहिए कि सरसों की बुवाई के समय और उपयुक्त तापमान के बारे में बात करें तो सरसों की बुवाई का सही समय 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होता है अगर आप अगेती बुआई करना चाहते हैं तो आप 20 सितंबर सरसों की बुवाई शुरू कर सकते हैं तो 20 अक्टूबर के बाद सरसों की खेती के लिए उपयुक्त न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम 30 डिग्री सेल्सियस तक तापमान की जरूरत होती है उपयुक्त मिट्टी के बारे में बात करें तो सरसों की खेती के लिए मुख्य रूप से काली दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है लेकिन सभी प्रकार की हल्की भारी रेतीली जमीन में सरसों की खेती कर सकते हैं और अच्छा उत्पादन ले सकते हैं मिट्टी के पीएच मान के बारे में बात करें तो 5 पॉइंट 5 से 6 मिट्टी का पीएच होना चाहिए कि किसानों की खेती कैसे तैयारी करें फसल कटाई के बाद खेत की जुताई करें
अच्छी सी गहरी जुताई करें जुताई होने के बाद खेत को थोड़ा खुला छोड़ दे जिससे खेत में जो नमी होती है वह नवी आसानी से सूख जाए
खादों के प्रयोग के बारे में बात करें तो आपको खाद का प्रयोग जरूर करें जिसमें कार्बन की मात्रा रहती है इसके अलावा गुडे कंपोस्ट खाद का प्रयोग भी कर सकते हैं रासायनिक खादों के बारे में बात करें तो सरसों की बुवाई में रसायनिक खादों के रूप में आप खेत की तैयारी में दो कट्टे एसएसपी आने की सिंगल सुपर फास्फेट प्लस 50 केजी डीएपी और इसी के साथ 40 केजी पोटाश आपको लेना है आप के खेत में तत्वों की पूर्ति हो जाती है कि बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है
सल्फर की पूर्ति के लिए आप अगर सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करेंगे तो इस में सल्फर की मात्रा में मौजूद रहती है तो इस प्रकार से आप खेत की तैयारी कर सकते हैं और खादों का प्रयोग कर सकते हैं उन्नत किस्मों के बारे में बात करें तो किसान भाइयों सरसों की खेती से अधिक उपज उत्पादन लेने के लिए सबसे जरूरी है कि किसान भाई उन्नत वैरायटी का चयन करें जो वैरायटी आपके क्षेत्र में प्रचलित है उन्हीं बीजो को चाहिए जैसे कि सरसों की कुछ दो वे राइट है जो किसानों की पसंदीदा भी है और लगातार अच्छा उत्पादन दे रही है जिसमें पायोनियर की 45 से 46 सबसे ऊपर आती है इसके अलावा 414 श्री राम की इसके अलावा भी कई कंपनियों की आय में जॉब चाहिए कर सकते हैं इसके बाद बात करते हैं
फंगस का अटैक नहीं होता है इसलिए आपके यहां पर उपयुक्त हो जाए तो आप सरसों के बीजों का बीज उपचार अवश्य करें बीज उपचार के लिए आप मेरे लिए सिर्फ 35% टेबलेट फंगीसाइड का प्रयोग कर सकते हैं जो काफी सस्ते भी पड़ती है इसके अलावा बाद आती है बीज दर सरसों की बुवाई से पहले किसान भाई भ्रमित होते हैं कि वह 1 एकड़ में सरसों का कितना बीज डालने सरसों की बुवाई के बारे में बात करें तो सरसों की खेती के लिए 2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है कम या ज्यादा भी हो सकती है ज्यादा करने के तरीके पर भी निर्भर करते है उस हिसाब से आप को कम या ज्यादा कर सकते
अब बात आती है कि सरसों की बुवाई कैसे करें किसान भाइयों सरसों की बुवाई अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से की जाती है कुछ किसान लाइनों में आने की सीटी से सरसों की बुवाई करते हैं यह तरीका भी पुराना है और काफी अच्छा तरीका है इसके अलावा क्षेत्र में किसान भाई क्या बनाकर हाथ से छिड़काव विधि सरसों की बुवाई करते हैं इसी विधि से सरसों की बुवाई का तरीका भी है सरसों के पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर के आसपास होना चाहिए इस प्रकार से आप कर सकते हैं
किसानों के खेत में सिंचाई प्रबंधन के बारे में बात करें तो जमीन के अनुसार ही सरसों में पानी किसानों को लगाना चाहिए तुरंत बाद आप कर सकते हैं दूसरी सिंचाई कर सकते हैं
और जलवायु कल अकेले हो सकती है आप अपने क्षेत्र की मिट्टी के अनुसार ही सरसों में सिंचाई प्रबंधन करें आप की मिट्टी अगर कमजोर है तो आपको सरसों में ज्यादा सिंचाई भी करने की जरूरत हो सकती है इसके अलावा बात करते हैं कि सरसों में खरपतवार ओं को कंट्रोल कैसे करें खरपतवार ओं को कंट्रोल करने के लिए किसान भाई सरसों के खेत में निराई गुड़ाई कर सकते हैं किसान भाइयों सरसों की फसल 1 लंबी अवधि वाली फसल है जिस कारण खरपतवार भी तेजी से देखने को मिलता है तरीके से खरपतवार नियंत्रण के बारे में बात करें तो सरसों की बुवाई के तुरंत बाद
देखने को मिलता है ऐसा नहीं तरीके से खरपतवार नियंत्रण के बारे में बात करें तो सरसों की बुवाई के तुरंत बाद 24 घंटों के मध्य में तल्लीन 30% ईसी 800ml 1 एकड़ में प्रयोग कर सकते हैं किसान भाइयों आपको ध्यान रखना है कि आगे आगे आपको सरसों की बुवाई करना है और उसके 24 घंटों के भीतर ही आपको इस दवाई का प्रयोग करना है जिससे आपके खेत में 40 से 50 दिन तक खरपतवार ओं का जमाव नहीं होगा फसल अंकुरित हो जाएगी खेत में एक भी खरपतवार नहीं रहेगा तो इस प्रकार से किसान बाइक सरसों में खरपतवार ओं को कंट्रोल कर सकते हैं अब बात आती है कि सरसों में खाद और रंगों का प्रयोग कैसे करें किसान भाइयों वैसे तो सरसों की खेती में किसान भाई ज्यादा खादों का प्रयोग नहीं करते हैं अगर आप खेत की तैयारी में ही संतुलित खादों का प्रयोग कर लेंगे तो बाद में सरसों में ज्यादा खादों की कोई भी जरूरत नहीं होती है इसके अलावा भी कुछ ऐसे खाते जिनका किसान भाई प्रयोग करते हैं जब हमारी सरसों की फसल 25 दिन के आसपास होती है उस समय आपको 45 किलो 5 किलो ग्राम की मात्रा रहती है कि पौधे की ग्रोथ और वनस्पतिबढ़ाने में सहायता करता है जिस कारण इन दोनों तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो 20-25 दिन पर आप इस खाद का प्रयोग कर सकते हैं इसके बाद सरसों की फसल जब 35-40 दिन के आसपास होती है इस समय भी सरसों में किसानों को दूसरा खाद देना चाहिए दूसरे खाद के रूप में आपको प्रति एकड़ 35 किलोग्राम यूरिया लेता है इसी के साथ अगर आप की फसल कमजोर है तो आप 5 किलोग्राम माइक्रो सागरिका दानेदार को मिला सकते हैं जिससे सरसों की ग्रोथ ज्यादा होती है पौधे में फुटाव और ब्रांचिंग ज्यादा देखने को मिलती है और सरसों का उत्पादन ज्यादा निकलता है इन दोनों के शेड्यूल के अलावा सरसों में किसी भी प्रकार से खाद की आवश्यकता नहीं होती है अगर आप उन्नति लगाएंगे और खेत की तैयारी में संतुलित खाद का प्रयोग कर लेंगे तो बाद में पौधे की ग्रोथ भी अच्छे से हो जाएगी फोटो भी ज्यादा आएगी और ज्यादा खाद्य की कोई भी जरूरत नहीं होगी इस प्रकार से आपस के खेत में खादों का प्रयोग कर सकते हैं बाद में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम में मुख्य रूप से मऊ का एक नजर आता है इसके अलावा कभी-कभी छोटी-छोटी अधिक हो जाता है जिसे सरसों का तेल का एक हो जाता है जिसे ताने नहीं बनते हैं
किन की रोकथाम के लिए सरसों की फसल में आप स्प्रे कर सकते हैं लेकिन सरसों की फसल की हाइट काफी ज्यादा होती है इसलिए सरसों की फसल में स्प्रे कर करना काफी मुश्किल होता है
अगर आप सरसों में आसानी से स्प्रे कर सकते तो आप इन दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं सरसों में फूल निकलने से पहले आपको प्रति एकड़ 350 ग्राम एक्शन कंपनी की स्वाधीन फंगीसाइड को लेना है इसी के साथ आपको 250ml प्रोफेनोफॉस 40% में 4% इसी टेक्निकल का प्रयोग करना है और सरसों की फसल में फूल निकलने से पहले रोग को कंट्रोल किया जा सकता है
किसान भाई सरसों की पैदावार को कैसे बढ़ा सकते हैं किसान भाइयों अगर आप अच्छी मिट्टी में सरसों की खेती करेंगे और सही समय पर सही खादों का प्रयोग करेंगे सही समय पर सरसों की बुवाई करेंगे उन्नत वे राइट का चयन करेंगे तो सरसों में फूटा ब्रांचिंग शाखाएं आएगी और ऑटोमेटिक ही आप का उत्पादन ज्यादा निकलेगा सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार से काम करना है
अगर आप उन्नत तरीके से खेती करेंगे तो आपको ज्यादा उत्पादन वैसे ही मिल जाएगा तब बात करते हैं प्रति एकड़ उत्पादन के बारे में अगर आप मेरे बताए हुए तरीके से सरसों की खेती करेंगे तो प्रति एकड़ 12 से 15 कुंटल तक आप सरसों का उत्पादन ले सकते हैं 5000 के मध्य कर्चा पड़ता है और आप सरसों की खेती से 12 साल तक उत्पादन ले पाएंगे के बारे में बात करें 120 से 130 दिन का समय लेती है|
अब बात करते हैं कि किसान भाइयों को कैसे पता चलेगा कि सरसों की फसल पक चुकी है तो सरसों में जब 75% तक जो पहले होती है और पीली पड़ जाती है जो आप स्क्रीन पर देख पा रहे हैं इस समय पर सरसों की कटाई कर सकते हैं इस समय कटाई करने के बाद 2 से 5 या 6 दिन तक आप सरसों के खेत में सूखने दें उसके बाद थ्रेसर के माध्यम से आप सरसों की हार्वेस्टर कर सकते हैं सरसों का जो पैसा होता है वह भी आसानी से बिक जाता है जिससे किसान भाई अपना मजदूरी खर्चा उसे भी निकाल सकते हैं किसान भाइयों इसके अलावा भी सरसों की खेती में किसानों को रखना चाहिए क्योंकि अगर लंबी अवधि की वैरायटी ओका आपको चाहिए इसके अलावा ग्राम सरसों की पछेती बुवाई कर रहे हैं तो जो कम समय में पर पानी देना चाहिए सरसों की फसल में सिंचाई सही समय पर करना है लेकिन आखिर में जब फसल में दाने पड़ जाते हैं उस समय आप को न तो ज्यादा सिंचाई करना है और ना ही खेत में पानी का भराव इस समय आप सिंचाई करेंगे तो जड़े कमजोर हो सकती है जिससे फसल गिरने की समस्या आ सकती है इसके अलावा सरसों की फसल है इस कारण सरसों के खेत में संयुक्त खाद का प्रयोग आपको जरूर करना चाहिए यूरिया का प्रयोग भी आप 2 बार करें जिससे खेत में नाइट्रोजन की कमी ना हो बुवाई के समय आप उन वीरों का चयन करें जो कम समय और कम समय में पक कर तैयार हो और आपको अधिक उत्पादन दे तो इस प्रकार से किसान भाई अगर सरसों की खेती करेंगे तो काफी ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे और पिछले साल से आप ज्यादा उत्पादन ले पाएंगे.
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